फतेहपुर/लखनऊ। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से ईसाई धर्मांतरण की अंतरराष्ट्रीय साजिश का पर्दाफाश हुआ था। इसके तार सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी एंड साइंस (शुआट्स) से भी जुड़े मिले हैं। अब शुआट्स के पूर्व बोर्ड मेंबर और सामूहिक धर्मांतरण के मामले के स्वतंत्र गवाह डॉ.आईजेक फ्रेंक ने शुआट्स के वाइस संचालर आरबी लाल समेत कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कुछ और नाम उजागर किए हैं।
डॉ.आईजेक फ्रेंक ने कहा कि हजारों करोड़ की विदेशी फंडिंग के जरिए धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा था। उन्होंने बताया कि धर्मांतरण के लिए पूरा गिरोह सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था। मामले को लेकर उन्होंने 38 अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने का निवेदन दिया है। फ्रेंक का दावा है कि उनके पास विदेशों से प्राप्त धन, भष्टाचार और धर्मांतरण को लेकर ठोस प्रमाण हैं। अपने आवेदन में उन्होंने आरोपितों के नाम और उनकी भूमिका के बारे में संक्षेप में बताया है। नीचे आप वह कॉपी देख सकते हैं।
आवेदन के मुताबिक डॉ. आरिफ ए. ब्रडवे जो शुआट्स के बोर्ड सदस्य भी हैं उन्होंने लंदन और अमेरिकन चर्च ट्रस्ट से करोड़ों की धन उगाही की है। डेविड फिलिप को कनाडा से फंड मिलता था। डेविड रूरल एजुकेशन काउंसिल शुआट्स के संचालक हैं। विशाल मंगलवादी शुआट्स के पादरी हैं। उन पर विदेशों से धन प्राप्त करने और धर्मांतरण के लिए काम करने का आरोप लगाया गया है। इसी तरह के आरोप आवेदन में उल्लेखित अन्य नामों पर भी हैं।
एफआईआर के लिए दिए गए निवेदन में प्रयागराज के पूर्व जिलाधिकारी भानुचन्द्र गोस्वामी और करछना के तहसीलदार सुशील कुमार चौबे जैसे नाम भी शामिल हैं। फ्रेंक ने इनपर रिश्वत लेकर मामले को दबाने का आरोप लगाया है। दावा है कि पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी का प्रयास नहीं कर रही है।
आपको बता दें शुआट्स में यीशु दरबार संचालित कर वाइस चांसलर आरबी लाल खुद चंगाई सभा करता था। इसके कई वीडियो सामने आए थे। प्रतिष्ठित संस्थान का वाइस चांसलर पादरी बन लोगों को झाड़-फूँक कर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था। इतना ही नहीं ईसाई धर्मांतरण के लिए के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और पाकिस्तान तक से करोड़ों की फंडिंग की बात भी सामने आई है।
मामले में 20 जनवरी, 2023 को सुल्तानपुर जिले के गोसाईंगज के रहने वाले सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने शुआट्स के वाइस चांसलर आरबी लाल समेत 10 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ धर्मांतरण का मुकदमा दर्ज कराया था। सर्वेंद्र ने आरोप लगाया था कि ईसाई बनने के बदले संस्था की तरफ से उन्हें 15 हजार रुपए देने और साथ ही सुंदर लड़की से शादी करवाने का प्रलोभन दिया गया था।