प्रयागराज। जिला न्यायालय महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले (Narendra Giri Death Case) में आरोपी आनंद गिरि पर आरोप आज तय करेगा. 17 जनवरी को सुनवाई के दौरान आनंद गिरि के अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाए थे. इस वजह से आनंद गिरि ने न्यायालय से समय मांगा था. आनंद गिरि 17 जनवरी 2021 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे. उनके अनुरोध पर जिला न्यायाधीश ने एक और मौका देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तिथि तय की थी. जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि न्यायालय आज आरोप तय करेगा.
बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी 20 सितंबर 2021 को अल्लापुर स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के एक कक्ष में रस्सी के फंदे से लटके मिले थे. पुलिस को कमरे में 9 पन्नों का सुसाइड नोट मिला था. पुलिस ने शिष्य अमर गिरी और पवन महाराज की तहरीर पर पुराने शिष्य आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया था.
बाद में सरकार ने जांच सीबीआइ को सौंप दी थी. महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या मामले में सीबीआई ने 20 नवंबर 2022 को एक हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई की चार्जशीट आनंद गिरी समेत अन्य के खिलाफ है. महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में आनंद गिरि समेत अन्य आरोपी नैनी जेल में बंद हैं.
दरअसल कमरे से महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर 2021 को दिन के 11 बजे के बाद भोजन के लिए नीचे उचरे थे और आगंतुक कक्ष में किसी के इंतजार के लिए चले गए थे. उस दिन उनके कमरे से लेकर आगंतुक कक्ष और आसपास के परिसर के 15 से अधिक कैमरे बंद पाए गए थे. इन कैमरों का मॉनीटर कंट्रोल भी महंत के शयन कक्ष में ही था. बाघंबरी गद्दी मठ के आगंतुक कक्ष से लेकर महंत के शयन कक्ष के बीच की मौत की गुत्थी उलझ कर रह गई है.
कहा जा रहा है कि इस महंत की इस रहस्यमय मौत का राज उनके शयन कक्ष से मठ के पीछे लगे एचडी कैमरे भी थे. उस दिन के मिले फुटेज के आधार पर अब तक सिर्फ इतना पता चला सका है कि महंत अपने करीबी सेवादार धनंजय के साथ अपने कक्ष की सीढ़ियों से उतरते देखे गए. आखिरी बार वह आगंतुक कक्ष की तरफ जाते देखे गए थे और उनके पीछे सीढ़ी उतरने वाला सेवादार मठ के पीछे हवन कुंड की तरफ जाना दिखाई दिया था.