सीबीआई (CBI) ने अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड (Biggest Banking Fraud) के मामले में डीएचएफएल के प्रवर्तकों (DHFL Promoters) कपिल वधावन (Kapil Wadhawan) और धीरज वधावन (Dheeraj Wadhawan) के खिलाफ नया केस रजिस्टर किया है. इस मामले में बैंकों के एक समूह को 34,615 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया था. बैंकों के इस समूह की अगुवाई यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) कर रहा था.
डीएचएफएल का यह मामला सीबीआई के पास रजिस्टर्ड अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड है. सीबीआई ने हाल ही में पता लगाया कि फ्रॉड में एबीजी शिपयार्ड (ABG Shipyard) को 22,842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई इस मामले में आरोपियों से जुड़े परिसरों की तलाशी ले रही है, जो मुंबई में 12 जगहों पर स्थित हैं. एजेंसी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFL), तत्कालीन सीएमडी कपिल वधावन, डाइरेक्टर धीरज वधावन और 6 रियल्टी कंपनियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का केस दर्ज किया है. एजेंसी का कहना है इन लोगों ने मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत अन्य बैंकों के साथ फ्रॉड करने के लिए साजिश की.
पहले से ही जेल में हैं वधावन बंधु
अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने बैंक से 11 फरवरी 2022 को मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई की. डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वधावन और धीरज वधावन पहले से ही जेल में हैं. दोनों को यस बैंक (Yes Bank) के साथ फ्रॉड के मामले में सीबीआई और ईडी (ED) के केस के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. दोनों के ऊपर आरोप है कि उन्होंने यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर के साथ मिलकर यस बैंक के साथ फ्रॉड किया. अभी कपूर भी मुंबई के Taloja जेल में कैद हैं.