वैश्विक आर्थिक महामंदी की आहट है और दुनियाभर के बाजार गिर रहे हैं. भारतीय शेयर बाजार में Sensex इस साल 11 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. अमेरिका का Dow Jones Industrial Average इस साल 15 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. S&P 500 इस साल की शुरुआत से अब तक 20 फीसदी गिर चुका है. S&P 500 आधिकारिक तौर पर बीयर मार्केट में है.
भारत के यूनिकॉर्न छंटनी कर रहे हैं, इस साल 23 स्टार्टअप्स ने 9500 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है. इसमें Ola, Blinkit, Unacademy, Vedantu, Trell, Furlenco और Rupeek जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं.
चीनी अर्थव्यवस्था के इस साल 2.5 फीसदी की दर से विकास करने का अनुमान है, जो न केवल भारत से कम है बल्कि अमेरिका की भी अनुमानित विकास दर से कम है. चीन ने इस साल के लिए GDP ग्रोथ की दर 5.5 फीसदी रखी है जो पिछले तीन दशक में सबसे कम है. अमेरिका की मुद्रास्फिति 40 साल के सबसे उच्चतम स्तर 8.6 पर है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए बुधवार को ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ाईं, जो साल 1994 के बाद सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है.
कहने का मतलब यह है कि आर्थिक मोर्चे पर दुनिया की हालत खराब है. दुनिया की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति भयावह है. अमेरिका का S&P 500 बीयर मार्केट में है. आज हम समझेंगे कि बीयर मार्केट क्या होता है, क्या बीयर मार्केट की वजह से मंदी आती है और बीयर मार्केट खत्म कब होता है.
बीयर मार्केट क्या है
बीयर मार्केट एक ऐसी स्थिति है जब शेयर बाजार में एक लंबे समय से गिरावट देखी जा रही हो. सामान्यत: जब शेयर बाजार अपने हाल के उच्चतम स्तर से 20 फीसदी या उससे ज्यादा गिरता है तो ऐसी स्थिति को बीयर मार्केट कहते हैं.
बीयर मार्केट टर्म को वॉल स्ट्रीट तब प्रयोग करता है जब S&P 500, Dow Jones इंडस्ट्रीयल एवरेज या फिर कोई इंडिविजुअल स्टॉक अपने हालिया उच्चतम स्तर से 20 फीसदी या उससे ज्यादा गिरता है.
अमेरिका का S&P 500 इंडेक्स इस साल की शुरुआत से अब तक 20 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. सोमवार को यह 3749.91 पर बंद हुआ. S&P 500 सूचकांक का उच्चतम स्तर 4818.62 था.
S&P 500 क्या है
The Standard and Poor’s 500, उन 500 बड़ी कंपनियों की परफॉर्मेंस ट्रैक करता है जो अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं. इस साल Amazon 36 फीसदी, Google की पैरेंट कंपनी Alphabet 24 फीसदी और टेस्ला के शेयर 36 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं. इन कंपनियों के शेयर और ज्यादा गिरे थे लेकिन फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने के बाद बाजार संभला और कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई.
CNBC के मुताबिक द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अब तक कुल 14 बार बीयर मार्केट की स्थिति आ चुकी है और S&P औसतन 30 फीसदी तक गिरा है.
बीयर मार्केट की स्थिति क्यों आती है
सामाजिक-राजनीतिक स्थिति – पहली वजह देश की घरेलू आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक स्थिति है. राजनीतिक वजहों से भी देश की बड़ी कंपनियों पर असर पड़ता है, उनकी कार्यप्रणाली और परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है. जिस वजह से भी बीयर मार्केट की स्थिति आ सकती है.
वैश्विक कारण – वैश्विकरण के दौर में दुनिया के ज्यादातर देश एक दूसरे पर निर्भर हैं. जब भी बड़े देशों की अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव आता है तब उससे दुनिया के बाकी देश भी प्रभावित होते हैं. जैसे इस समय रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित हुई है. इस युद्ध से सिर्फ यूक्रेन ही नहीं बल्कि दुनिया के बाकी देश भी प्रभावित हुए हैं. चीन की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती भी दुनिया को प्रभावित कर रही है.
बीयर मार्केट की स्थिति कब-कब आ चुकी है
1929 के ग्रेट डिप्रेशन के दौरान दुनिया ने पहली बार बीयर मार्केट की स्थिति देखी. तब तीन साल के अंदर Dow Jones Industrial एवरेज में करीब 89 फीसदी की गिरावट आई. यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.
1960 के अंतिम समय में अमेरिकी शेयर बाजार में करीब 36.1 फीसदी की गिरावट आई, 1970 की शुरुआत में इसमें 48.2 फीसदी की गिरावट आई.
डॉटकॉम बूम के क्रैश होने के बाद साल 2000 से 2002 के बीच S&P 500 सूचकांक 36.8 फीसदी नीचे चला गया.
2007 – 2009 के दौरान जब दुनिया वैश्विक आर्थिक महामंदी का सामना कर रही थी तब भी बीयर मार्केट की स्थिति आई. यह अब तक की दूसरी सबसे बुरी बीयर मार्केट की स्थिति थी.
2020 – हालिया बीयर मार्केट की स्थिति कोरोना की पहली लहर के दौरान आई थी. जब दुनिया कोराना महामारी से जूझ रही थी तब दुनियाभर के बाजार गिरे. 19 फरवरी 2020 को S&P 500 सूचकांक एक महीने के अंदर करीब 34 फीसदी गिरा था. कम समय में हुई ये सबसे बड़ी गिरावट थी.
क्या बीयर मार्केट की वजह से वैश्विक महामंदी आती है ?
ऐसा जरूरी नहीं है. साल 1929 के बाद से अब तक करीब 25 बार बीयर मार्केट की स्थिति आई है लेकिन सिर्फ 14 बार इसकी वजह से मंदी आई है.
बीयर मार्केट के दौरान निवेशकों को क्या करना चाहिये?
जब भी शेयर बाजार गिरता है, निवेशकों में घबराहट होती है, खासतौर पर नये निवेशकों में. नये निवेशक मार्केट के गिरते ही अपने शेयर बेच देते हैं जिससे उनको नुकसान भी होता है. अगर आपको लंबे समय में पैसे की जरूरत नहीं है तो आपको बीयर मार्केट के दौरान पैसा नहीं निकालना चाहिये. हर बार ऐसा देखा गया है कि बीयर मार्केट के बाद जब हालात सुधरते हैं तो रिटर्न अच्छे मिलते हैं. 2020 के बीयर मार्केट के बाद भी V-shaped रिकवरी हुई थी.
बीयर मार्केट की स्थिति कब तक रह सकती है?
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ऐसा देखा गया है कि बीयर मार्केट से निकलने में औसतन 13 महीने लगते हैं. हालांकि पुरानी स्थिति में लौटने में करीब 27 महीने लग जाते हैं.
बीयर मार्केट कैसे खत्म होता है?
शेयर बाजार जब अपने न्यूनतम स्तर से 20 फीसदी ऊपर आ जाता है और छह महीने से लगातार ठीक परफॉर्म कर रहा हो तो ऐसा कहा जा सकता है कि अब बीयर मार्केट खत्म हो चुका है.
बाजार गिरने को बीयर मार्केट ही क्यों कहते हैं
शेयर बाजार मे दो शब्द हैं, बीयर और बुल. बुल यानी बैल अपने सींगों को हवा में ऊपर उठाता है, जबकि भालू अपने पंजे को नीचे की ओर घुमाता है. बुल और बीयर की यही दो प्रवृत्ति बाजार को परिभाषित करती है. बाजार अगर तेजी से ऊपर चढ़ रहा है तो बुल मार्केट और गिर रहा है बीयर मार्केट.