अमेरिका में ब्याज दरों (US Interest Rate Hike) में रिकॉर्ड बढ़ोतरी और आर्थिक मंदी की आशंका के चलते गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार (Share Market) ने कुछ ही देर में शुरुआती तेजी खो दी. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) पिछले कई दिनों से लगातार गिरावट का शिकार हो रहे हैं. आज अच्छी शुरुआत से उम्मीद बंधी थी कि इन्वेस्टर्स को अब कुछ राहत मिल सकती है. हालांकि दोपहर एक बजते-बजते बाजार धराशाई हो गया.
अमेरिका में फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने बुधवार को ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया. इसके बाद अमेरिकी बाजार (US Stock Market) कल तेजी में बंद हुए थे. अमेरिकी बाजार की तेजी के चलते आज घरेलू बाजार ने भी बढ़िया शुरुआत की. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स एक समय 600 अंक तक चढ़ा हुआ था. दोपहर तक सेंसेक्स करीब 700 अंक तक के नुकसान में जा चुका था. यानी बाजार अपने आज के पीक से अब तक 1300 अंक से ज्यादा टूट चुका है.
साल भर के निचले स्तर पर बाजार
इससे पहले बुधवार के कारोबार में भी शेयर बाजार पूरे दिन वोलेटाइल बना रहा था. जब बाजार बंद हुआ, तब सेंसेक्स 152.18 अंक (0.29 फीसदी) गिरकर 52,541.39 अंक पर और निफ्टी 39.95 अंक (0.25 फीसदी) के नुकसान के साथ 15,692.15 अंक पर रहा. मंगलवार को सेंसेक्स 153.13 अंक गिरकर 52,693.57 अंक पर और निफ्टी 42.30 अंक के नुकसान के साथ 15,732.10 अंक पर रहा था.
इस कारण गहराई मंदी की आशंका
रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बनी महंगाई (Record High Inflation) को काबू करने के लिए अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने बुधवार को ब्याज दरें (Interest Rate Hike) 0.75 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया. यह करीब तीन दशक में अमेरिका में ब्याज दरों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी है. अब अमेरिका में ब्याज दरें बढ़कर 1.50-1.75 फीसदी हो गई हैं. अमेरिका में अभी खुदरा महंगाई (US Retail Inflation) की दर 8.6 फीसदी है, जो करीब 40 साल में सबसे ज्यादा है. फेडरल रिजर्व इसे गिराकर 2 फीसदी के दायरे में लाना चाहता है. इसी कारण फेडरल रिजर्व आक्रामक तरीके से ब्याज दरों को बढ़ा रहा है, ताकि इकोनॉमी से लिक्विडिटी कम हो और डिमांड पर लगाम लगे. हालांकि इसके साथ ही ब्याज दरें तेजी से बढ़ने से इकोनॉमी के ऊपर मंदी का खतरा भी अधिक गंभीर होता जाएगा.