लखनऊ/प्रयागराज। यूपी के प्रयागराज में शुक्रवार को हिंसा मामले में रविवार को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की और मुख्य आरोपी मोहम्मद जावेद उर्फ जावेद पंप के आलीशान मकान को गिरा दिया गया. ये मकान तीनमंजिला था और इसकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई. पुलिस को घर के अंदर कई आपत्तिजनक सामान भी मिला.
हिंसा के बाद असली चेहरा बेनकाब
प्रयागराज पुलिस के टॉप अधिकारियों के मुताबिक, दंगों के मास्टरमाइंड जावेद उर्फ पंप का मोबाइल फोन फोरेंसिक एग्जामिनेशन के लिए भेजा जा रहा है. कई चैट्स डिलीट हैं. कई कॉल्स डिलीट हैं. सबकी डिटेल्स निकाली जाएगी. जावेद के फेसबुक पोस्ट खंगाले गए हैं जिससे पता चलता है कि अदालत पर उसका भरोसा नहीं है. कुछ वॉट्सएप चैट्स मिले हैं, जिसमें भीड़ को बुलाने की बातचीत का जिक्र है. जावेद प्रयागराज में होने वाली धर्मगुरुओं की पीस कमेटी की मीटिंग में भी आता था, लेकिन अब हिंसा के बाद उसका असली चेहरा बेनकाब हुआ है.
बेटी बोली- मेरी मां के नाम पर था मकान
बता दें कि जावेद के अटाला इलाके में स्थित घर को 5 घंटे में गिराया जा सका. मौके पर 3 जेसीबी ने ध्वस्तीकरण पूरा किया. जावेद की बेटी सुमैया ने आजतक से बातचीत में दावा किया कि जो मकान प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने गिराया है, वह मेरी मां को नाना ने गिफ्ट किया था. सरकारी दस्तावेजों में मेरी मां के नाम पर ये मकान था. मेरे पिता की कमाई से ना तो जमीन खरीदी गई थी. ना ही मकान बना था.
एक बेटी प्रयागराज से पीएचडी कर रही
बेटी का कहना था कि शुक्रवार को जब हिंसा हुई तो मेरे अब्बू (पिता) नमाज के बाद सीधे घर आए थे. फोन पर लोगों को किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शन के लिए मना कर रहे थे. मेरी बहन फातिमा जेएनयू से पढ़ाई करने के बाद प्रयागराज से पीएचडी कर रही हैं. तीन दिन से उनका भी पता नहीं चल रहा है. पुलिस कुछ बता नहीं रही है.
उमर खालिद के पिता का मेरे घर पर आना-जाना था. वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और मेरे पिता जिलाध्यक्ष. इसी नाते वह प्रयागराज हमारे घर आते थे. अब कानून का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. कानून से ही उम्मीद है.
हिंसा मामले में अब तक 91 आरोपी पकड़े गए
प्रयागराज हिंसा मामले में थाना खुल्दाबाद और करेली में 29 गंभीर और कठोरतम धाराएं लगाते हुए केस दर्ज किया था. 70 उपद्रवी नामजद थे. 5 हजार अज्ञात थे. अब तक कुल 91 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है.