ढाका। पैंगबर मुहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर उपजे विवाद को बांग्लादेश ने भारत का आंतरिक मामला करार दिया है, साथ ही इस विवाद से निपटने के लिए भारत सरकार ने जो कदम उठाए हैं उसके लिए धन्यवाद भी दिया है। साथ ही बांग्लादेश सरकार का यह रूख दोनो देशों के बीच एक दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने को लेकर बनी सहमति और द्विपक्षीय रिश्तों को हमेशा मजबूत बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। ढाका आए भारत के मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में बांग्लादेश के सूचना मंत्री डॉ. हसन महमूद ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार पैंगबर साहब पर कहीं भी गलत टिप्पणी होगी तो उसकी हमेशा निंदा करती है और आगे भी करती रहेगी।
बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन महमूद ने उचित कार्रवाई के लिए भारत को दिया धन्यवाद
सूचना मंत्री महमूद की यह टिप्पणी भारत और बांग्लादेश के बीच प्रगाढ़ हो रहे रिश्ते व एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की सहमति को दर्शाता है। यही वजह है कि पूरे प्रकरण पर बांग्लादेश की प्रतिक्रिया दूसरे इस्लामिक देशों के विपरीत है। यह भी उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में आगामी आम चुनाव (वर्ष 2023) को लेकर गतिविधियां शुरु हो गई हैं फिर भी पीएम शेख हसीना की सरकार ने राजनीतिक नफा-नुकसान की परवाह किये बगैर परिपक्व रूख दिखाया है।
पीरगंज इलाके में हिंदुओं पर हमले का जिक्र करते हुए महमूद ने बताया कि उन्होंने खुद अपनी पार्टी आवामी लीग के सारे कार्यकर्ताओं को फोन कर पीरगंज पहुंचने के लिए कहा और स्वयं ही वहां पहुंचे। सरकार ने एक आकलन के आधार पर हिंदू परिवार को हुए नुकसान से चार गुना ज्यादा मुआवजा दिया। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाया कि वो आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश जारी रखे हुए हैं। कुछ विपक्षी नेताओं को उन्होंने अल-कायदा की तरफ से प्रशिक्षित होने की बात कही।
चट्टोग्राम से पूरी तरह से जुड़ जाएंगे पूर्वोत्तर भारत के राज्य
भारत और बांग्लादेश के बीच कनेक्टिविटी को लेकर कई परियोजनाओं पर काम हो रहा है जिसका एक बड़ा मकसद है कि जिस तरह से वर्ष 1965 से पहले तक दोनो देशों के बीच आने जाने में कोई पाबंदी नहीं थी वैसी ही अब फिर से लागू हो सके। बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन महमूद ने बताया कि चट्टोग्राम पोर्ट को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने का अधिकांश काम पूरा हो चुका है।
रेल मार्ग से भारत के मेघालय व त्रिपुरा राज्य को जोड़ने के साथ ही इन दोनो राज्यों को ध्यान में रख कर चट्टोग्राम एयरपोर्ट का भी विस्तार किया जा रहा है। कोशिश यह है कि पूर्वोत्तर राज्यों के जो नागरिक विदेशों से आते हैं वो चट्टोग्राम से होते हुए जाए। इससे वो कम लागत में व कम समय में अपने घर पहुंच सकेंगे। यह रणनीतिक ²ष्टिकोण से भारत के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा।