शेखर पंडित
लखनऊ। सियासत की नजर से यूपी देश का सबसे महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है, कहा जाता है कि दिल्ली में सरकार बनाने के लिये यूपी को साधना जरुरी है, हालांकि यूपी अपने अपराध की वजह से भी सुर्खियां बनता है, ऐसा ही एक च्रर्चित कांड था प्रयागराज का राजू पाल हत्याकांड, इस केस में मुलायम के पूर्व सहयोगी अतीक अहमद और उनके भाई का नाम आया था, राजू पाल की हत्या के बाद उनकी विधवा पर मायवाती और अखिलेश ने बारी-बारी से भरोसा जताया।
25 जनवरी 2005 को बसपा के तत्कालीन विधायक राजू पाल को दिनदहाड़े गोलियों से छलनी कर दिया गया था, इस हत्याकांड ने पूरे शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया था। इलाहाबाद पश्चिम सीट से तत्कालीन विधायक रहे राजू पाल की हत्या के बाद उनकी राजनीतिक विरासत पत्नी पूजा पाल ने संभाली, मायावती ने खुद प्रयागराज पहुंचकर पूजा को बसपा से विधानसभा टिकट सौंपा था।
पूजा पाल मायावती की पार्टी बसपा से 2 बार विधायक बनी, फिर 2017 में पूजा ने बसपा छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गई, अखिलेश यादव ने भी उन पर भरोसा जताया और 2019 में लोकसभा का टिकट दिया। पूजा गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं, उनके पिता पंचर की दुकान चलाते थे, पूजा खुद कभी अस्पताल, तो कभी किसी ऑफिस, तो कभी किसी के घर में झाड़ू-पोछा करके अपना गुजारा करती थी।
शादी के 9 दिन बाद ही हत्या
किसी अस्पताल में ही राजू और पूजा की मुलाकात हुई थी, दोनों में प्यार हुआ, फिर विधायक बनने के बाद राजू पाल ने पूजा से शादी कर ली, हालांकि नियति को कुछ और ही मंजूर था, शादी के 9 दिन बाद ही 25 जनवरी 2005 को पूजा पाल का सुहाग उजड़ गया। हालांकि पति की हत्या के बाद पूजा ने उनकी राजनीति को आगे बढाई, अतीक अहमद के साम्राज्य का पतन कर दिया।