लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जन शिकायतों की अनदेखी करना अब पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को भारी पड़ सकता है। अपने सरकारी आवास पर नियमित जनता दर्शन में दूर-दराज के जिलों से पहुंचने वाले फरियादियों को देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना निष्कर्ष निकाल लिया है। उन्होंने अपने कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को हर जिले के लंबित मामलों की रिपोर्ट जुटाने पर लगा दिया है। जल्द ही लापरवाह आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की सूची बनाकर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
जन शिकायतों के निस्तारण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जोर दे रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायतों के निस्तारण के सभी आनलाइन और आफलाइन माध्यमों की निगरानी कई माह पहले ही काफी व्यवस्थित कर दी गई थी। यहां से जिलों को अंक भी दिए जाते हैं, उसी आधार पर जिलों की प्रतिमाह रैंकिंग जारी होती है। इधर, सीएम योगी ने कोरोना काल के बाद जनता दर्शन कार्यक्रम फिर से शुरू करने के साथ ही थाना दिवस और तहसील दिवस में आने वाली जन शिकायतों के निस्तारण के लिए अधिकतम पांच दिन की अवधि तय कर दी। इसके बावजूद कई जिलों की स्थिति सुधरी नहीं है।
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर कहा था कि जिला स्तर की समस्याएं लेकर फरियादियों को लखनऊ तक आना पड़ रहा है। उन्होंने कुछ अधिकारियों को चेतावनी भी दी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि स्टाफ के एक वरिष्ठ अधिकारी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। वह आंकड़े जुटा रहे हैं कि कहां कितनी शिकायतें लंबित हैं या संतुष्टि और असंतुष्टि पर फीडबैक क्या मिला है। इस तरह से लापरवाह अधिकारी चिन्हित कर सीएम को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। ऐसे अधिकारियों को जिम्मेदार पदों से हटाया जाएगा।