प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार (1 सितंबर 2021) को चर्चित नारदा स्टिंग के मामले में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित PMLA कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया है। इसमें जाँच एजेंसी ने ममता सरकार के दो मंत्रियों फरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी समेत कई अन्य को आरोपित बनाया है। सभी के खिलाफ रिश्वतखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के चार्जेस लगाए गए हैं।
आरोप पत्र में जाँच एजेंसी ने आरोपितों के कबूलनामें का भी जिक्र किया है। नारदा स्टिंग मामले में दो मंत्रियों के अलावा टीएमसी के विधायक मदन मित्रा, कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी और निलंबित आईपीएस एसएमएच मिर्जा शामिल हैं। अदालत ने इन सभी को पूछताछ के लिए समन जारी करने का आदेश दिया है। सभी आरोपितों को 16 नवंबर 2021 को सीबीआई अदालत ने पेश होने को कहा है।
इसके साथ ही कोर्ट ने अपने निर्देश में राज्य विधानसभा के कार्यालय की ओर से मुखर्जी, हाकिम और मित्रा को समन भेजने को कहा है, क्योंकि ये तीनों विधानसभा सदस्य हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने सभी आरोपितों को अदालत से अधिक से अधिक सजा देने की माँग करते हुए चार्जशीट में आरोप लगाया है कि ये आरोपित काले धन को सफेद करने की कोशिश में लगे हुए थे।
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय जाँच एजेंसी (CBI) ने इसी मामले में ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गई थीं। उन्होंने जाँच एजेंसी को खुद की गिरफ्तारी की भी चुनौती दी थी। इतना ही नहीं नारदा केस में गिरफ्तारी के विरोध में सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं ने जाँच एजेंसी के दफ्तर पर पत्थरबाजी की थी।