दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस ने ना सिर्फ लाखों लोगों की जान ले ली बल्कि कई रोजगारों को भी चौपट कर दिया. कोरोना की मार से फिल्म इंडस्ट्री भी अछूती नहीं रही, देश में लगे 2 बड़े लॉकडाउन का असर ये हुआ कि फिल्मों और टीवी सीरियल्स की शूटिंग के साथ ही रिलीज के लिए तैयार हो चुकीं फ़िल्में भी थियेटर नहीं पहुंच पाईं…
भारत और पौलेंड के साझा प्रयासों से ‘नो मीन्स नो’ फिल्म बनाने वाले फिल्ममेकर विकाश वर्मा इस साल 22 मार्च को अपनी फिल्म रिलीज करने वाले थे, लेकिन अचानक से कोविड 19 की दूसरी लहर और बढ़ते कोविड संक्रमण के मामलो ने उन्होंने अपनी फिल्म अब दिवाली पर पांच नवम्बर को रिलीज़ करने का फैसला लिया है।
बीच में कुछ वक्त के लिए थिएटर्स को खोला भी गया, लेकिन बड़े पर्दे पर रिलीज़ हुई कोई भी फिल्म कोविड की वजह न के बराबर ही दर्शक जुटा पाई। ऐसे में कई मेकर्स ने अपनी फिल्मों को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ किया। जबकि अब भी ऐसी कई फिल्में हैं जो हालात सामान्य होने के बाद थिएटर्स खुलने का इंतज़ार कर रही हैं जिनमें से एक है विकाश वर्मा की डेब्यू फिल्म ‘नो मीन्स नो’। यह एक आगामी बॉलीवुड एक्शन रोमांस ड्रामा फिल्म है, जिसमे ध्रुव वर्मा मुख्य भूमिका में हैं। उनके अलावा, गुलशन ग्रोवर, शरद कपूर, दीप राज राणा और पोलिश अभिनेता जैसे अन्ना गुज़िक, नतालिया बाक, सिल्विया चेक, पावेल चेक, नाज़िया हसन, अन्ना एडोर, जर्सी हैंडज़लिक, और कैट क्रिस्टियन फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका में नज़र आयेंगे। इस फिल्म का स्क्रीनप्ले भी विकाश वर्मा का ने किया।
विकाश वर्मा द्वारा निर्देशित ‘नो मीन्स नो’ लव स्टोरी पर आधारित फिल्म है जिसके रिलीज़ होने का दर्शक बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। जब हालात थोड़े सामान्य हुए थे उस वक्त फिल्म की रिलीज़ डेट का भी ऐलान कर दिया गया था। लेकिन फिर पोस्टपोन्ड कर दी गई है। अब ऐसे में लगातार ये सवाल उठ रहा है कि विकाश वर्मा अपनी फिल्म कब रिलीज़ करेंगे क्या फिल्म थिएटर में ही रिलीज़ होगी या इसे ओटीटी पर भी लाया जा सकता है। हाल ही में ख़ुद विकाश वर्मा ने इस सवाल का जवाब दिया और बताया कि फिल्म कब रिलीज़ होगी। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इस सवाल का जवाब है ‘मैं फिल्म तब तक रिलीज नहीं करूंगा जब तक एक-एक व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लग जाती। यानि देश में पूर्ण वैक्सीनेशन नहीं हो जाता। उन्होंने कहा उम्मीद है कि 5 नवम्बर तक देश में कोरोना का कहर खत्म हो जाएगा और थिएटर्स पूरी ताकत के साथ खुल सकेंगे। उनका मानना है कि ओटीटी से ज्यादा लोग आज भी सिनेमा हॉल में फिल्म देखने को ज्यादा पसंद करते हैं। इसलिए ओटीटी पर फिल्म रिलीज करने का कोई तुक ही नहीं। विकाश वर्मा ने बताया कि यह फिल्म विंटर ओलंपिक विषय पर नहीं बल्कि लव स्टोरी पर आधारित है। फिल्म का टीन एज हीरो स्कीइंग का खिलाड़ी है जो चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए पौलेंड जाता है। वह बताते हैं कि फिल्म में उस लड़के को एक लड़की से प्यार हो जाता है और उसके बाद होने वाली घटनाओं पर यह फिल्म बनी है। विकाश बताते हैं कि इस फिल्म को पौलेंड में शूट किया गया है। इसमें किसी तरह के वीएफएक्स का प्रयोग नहीं किया गया। कलाकारों और पूरी प्रोडक्शन की टीम ने काफी मेहनत की है। -31 डिग्री तापमान में कैसे लोगों ने शूटिंग की, ये हम लोग ही जानते हैं। कथित तौर पर। विकाश वर्मा डिजिटल रिलीज़ नहीं चाहते हैं।
विकाश वर्मा बताते हैं कि आज ओटीटी भले ही आगे चल रहा हो लेकिन लोगों को पर्दे से प्यार है। लोगों के अंदर सिनेमा का जुनून आज भी देखा जा सकता है। हमने 70 एमएम स्क्रीन का जादू देखा है जो आज भी कायम है। हम लोग कोई वेबसिरीज नहीं बनाएंगे। वहीं फिल्मों में बढ़ती राजनीतिक पैठ पर कहा कि दोनों तरफ ही कलाकार हैं। कला प्रदर्शन के लिए लोग राजनीति से फिल्मों में और फिल्मों से राजनीति में आ जा रहे हैं। हालांकि दोनों स्थितियों में रिजल्ट पब्लिक ही देगी। वही सबसे बड़ी जज है। अगर उसे आपका काम पसंद आया तो हर जगह चलेंगे।
पौलेंड को लेकर ही फिल्म बनाने के कारण पर फिल्ममेकर ने बताया कि हमारे एक पारिवारिक मित्र अजय बिसारिया जो अभी कनाडा का हाई कमिश्नर है, उन्होंने एक बार जिक्र करते हुए बताया था कि मोदी जी के पास एक स्टोरी है। यह कहानी गुजरात के एक राजा की है जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक हजार बच्चों को बचाया था और गुजरात में शरण दी थी। उनमें से एक बच्चा आगे चलकर पौलेंड का प्रधानमंत्री बना था। ये बच्चा हिंदुस्तान में तीन साल तक पढ़ा था। इसी पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया गया था। इसका बजट साढ़े चार सौ करोड़ रुपए था।
फिल्म थी ‘द गुड महाराजा’ और शूट के लिए संजय दत्त और प्रीती जिंटा को साइन किया था। मोदी जी ने जो स्टोरी बताई थी उसके बारे में रिसर्च किया तो पता चला कि राजा का पौलेंड के पार्लियामेंट में स्टैच्यू है। उनके नाम से स्कूल और रोड है। हमारे देश के राजा का नाम पौलेंड में हर कोई जानता है लेकिन हमारे देश को नहीं पता। तो पौलेंड और देश को जोड़ने के लिए यह फिल्म थी। लेकिन उसे रोककर पहले ‘नो मीन्स नो’ पर काम किया गया।
आपको बता दें की यह इंडो पोलिश लव स्टोरी बेस्ड फिल्म है। इस फिल्म में मशहूर पार्श्व गायक हरिहरन ने संगीत दिया है और श्रेया घोषाल ने गीत गाए हैं। साथ ही आपको शामक डावर की कोरियोग्राफी भी आपको देखने को मिलेगी। इस सब्जेट पर बनी इस फ़िल्म के जोरदार कंटेट ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
‘नो मीन्स नो’ फिल्म के टाइटल के बारे में विकाश वर्मा बताते हैं कि यह महिलाओं से जुड़ा शब्द है। अब तक महिलाओं को अबला कहा गया, लेकिन अब नारी ऐसी नहीं है। फिल्म में कुछ हद तक यह भी संदेश है। नए हीरो ध्रुव को कास्ट करने पर वर्मा कहते हैं कि यह एक टीन एज लव स्टोरी है। यह फिल्म 15 से 35 साल के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय होगी। फेसबुक व अन्य माध्यमों से रिसर्च करके ही यह फिल्म बनाई गई है, युवाओं को देखते हुए, क्योंकि अगर आप देखें तो टाइटैनिक जैसी फिल्म भी भले ही जहाज पर बनी हो लेकिन उसका केंद्र बिंदु लव स्टोरी ही था। इस फिल्म में संजय दत्त और प्रीति जिंटा का भी सहयोग है।