पंजाब कांग्रेस की उलझी गुत्थी को सुलझाने लिए वहां के प्रभारी हरीश रावत दिन रात एक किए हुए हैं । वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सिद्धू के बहाने कांग्रेस हाईकमान पर निशाना साधते हुए दोहरा रवैया अपनाने का आरोप मढ़ एक नए विवाद को हवा देने की कोशिश की है।
मनीष तिवारी ने कांग्रेस हाईकमान पर मढ़े आरोप
दरअसल, मनीष तिवारी ने शनिवार को ट्विटर पर पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू का एक वीडियो साझा किया, जिसमें सिद्धू एक तरह से कांग्रेस हाईकमान को धमकाते नजर आ रहे हैं। मनीष तिवारी द्वारा साझा वीडियो में सिद्धू यह कहते नजर आ रहे कि कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें फैसले लेने की आजादी नहीं दी तो वह ईंट से ईंट बजा देंगे।
सिद्दू के इस वीडियो के जरिए मनीष तिवारी ने कांग्रेस हाईकमान पर भेदभाव का आरोप लगाया है । उन्होंने वीडियो साझा करते हुए शायराना अंदाज में कांग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती।
मनीष तिवारी के इस ट्वीट पर पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू का बचाव करते हुए कहा कि पंजाब कांग्रेस के बयान को बगावत कहना ठीक नहीं है। वो उनके बोलने का अंदाज है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिख सांगठनिक चुनाव कराने वाले पार्टी के जी-23 नेताओं में मनीष तिवारी भी शामिल हैं। यही कारण हैं कि उन्होंने सिद्धू के बहाने उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर इशारों ही इशारों में निशाना साधने का काम किया है।
आपको बता दें कि इसके पहले मनीष तिवारी ने नवजोत सिंह सिद्धू के तत्कालीन सलाहकार मनविंदर सिंह माली को लेकर कांग्रेस हाईकमान के सामने बड़ा सवाल खड़ा किया था।
उन्होंने ट्वीट किया था कि मैं कांग्रेस महासचिव और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत से आग्रह करता हूं कि इसको लेकर गंभीरता से आत्ममंथन करें कि जो जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते और जिनका स्पष्ट रूप से पाकिस्तान समर्थक रुझान है। क्या उन्हें कांग्रेस की पंजाब इकाई का हिस्सा होना चाहिए? यह उन सभी लोगों का मजाक है जिन्होंने भारत के लिए अपना खून बहाया है।