पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठन जैश ए मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को सरकारी मेहमान की तरह बहावलपुर के घने बसे हुए पाश इलाके में रखा है ताकि उसके खिलाफ वैसी कार्रवाई न की जा सके जैसी अमेरिका ने अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के खिलाफ की थी। यही नहीं, उसके आवासों की सुरक्षा पाकिस्तानी सेना के जवान करते हैं। नए लांच हुए एक हिंदी समाचार चैनल ने अपनी रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर किया है।
पाकिस्तान दे रहा पनाह
चैनल का कहना है कि उसके ऐसे निर्विवाद वीडियो साक्ष्य हैं जो पुष्टि करते हैं कि पाकिस्तान सरकार मसूद अजहर समेत आतंकवाद के आकाओं को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध करा रही है। चैनल ने एक बयान जारी कर बताया कि मसूद के बहावलपुर में दो आवास हैं। इनमें से एक उस्मान-ओ-अली मस्जिद और नेशनल आर्थोपेडिक एंड जनरल हास्पिटल के ठीक बगल में है।
सेना ने सुरक्षा में तैनात किए जवान
सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सेना के जवान उसके आवास के बाहर तैनात किए गए हैं। आवास के ठीक बगल में मस्जिद और अस्पताल होने का मकसद बिल्कुल साफ है कि यहां ओसामा जैसी कार्रवाई लगभग असंभव है। अगर कार्रवाई होती भी है तो आसपास रिहायशी इलाका होने से उसे और उसके साथियों को भाग निकलने का मौका मिल सकेगा।
सुरक्षा के लिहाज से पाश इलाका
मसूद का दूसरा आवास बहावलपुर में ही पहले आवास से करीब चार किलोमीटर दूर स्थित है। यह आवास जामिया मस्जिद के ठीक बगल में है और लाहौर हाई कोर्ट की बहावलपुर पीठ यहां से एक किलोमीटर और जिला कलेक्टर कार्यालय सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां भी वर्दी में पाकिस्तानी सेना के जवान बंगले की सुरक्षा में तैनात देखे गए।
भारत में वॉन्टेड है मसूद अजहर
मसूद अजहर भारत में संसद पर हमले, पठानकोट आतंकी हमले और 2019 में सीआरपीएफ कर्मियों पर आत्मघाती हमले समेत कई मामलों में वांछित है। बता दें कि इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को टेरर फंडिंग मामले में हर हाल में गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। अदालत की ओर से एटीसी गुजरांवाला ने आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) द्वारा लगाए गए टेरर फंडिंग के आरोप के बाद अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।