नई दिल्ली। विवादित बयानों और तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा का रिश्ता नया नहीं है। एक बार फिर वे इसी वजह से विवादों के केंद्र में हैं। अब उन पर लोकसभा के अपने एक साथी को ‘बिहारी गुंडा’ कहने का आरोप लगा है। झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि महुआ मोइत्रा ने बुधवार (28 जुलाई 2021) को तीन बार उनके लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया।
पेगासस मसले पर पक्ष-विपक्ष के बीच जारी टकराव के बीच यह आरोप सामने आया है। सांसद दुबे ने ट्विटर के जरिए टीएमसी एमपी मोइत्रा पर हिंदी भाषी लोगों और उत्तर भारतीयों के प्रति नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, “तृणमूल ने बिहारी गुंडा शब्द का इस्तेमाल करके बिहार के साथ-साथ पूरे हिंदी भाषी लोगों को गाली दी है।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को टैग करते उन्होंने लिखा, “आपकी सांसद महुआ मोइत्रा की गाली ने देश के सामने उत्तर भारतीयों और खासकर हिंदी भाषी लोगों के प्रति आपकी पार्टी की नफरत को सामने ला दिया है।”
तृणमूल @AITCofficial ने बिहारी गुंडा शब्द का प्रयोग कर बिहार के साथ साथ पूरे हिन्दी भाषी लोगों को गाली दी है,@MamataOfficial जी आप के सांसद महुआ मोइत्रा की इस गाली ने उत्तर भारतीय व ख़ासकर हिंदी भाषी लोगों के प्रति आपके पार्टी के नफ़रत को देश के सामने लाया है।
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 28, 2021
इन आरोपों पर महुआ मोइत्रा ने कहा, “मैं नाम लिए जाने के आरोपों से थोड़ा खुश हूँ। कोरम नहीं होने के कारण आईटी समिति की बैठक नहीं हुई। अब जो मौजूद ही नहीं था उसे मैं कैसे नाम दूँ! उपस्थिति रजिस्टर की जाँच करें!”
रिपोर्ट के मुताबिक, संसद की आईटी समिति ने ‘नागरिकों की डेटा सुरक्षा और गोपनीयता’ को लेकर विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों का बयान दर्ज करने के लिए बैठक बुलाई थी। इस दौरान करीब 10 बीजेपी सांसदों ने जोर देकर कहा था कि कोरम की कमी को देखते हुए पैनल को बैठक नहीं करनी चाहिए। आईटी कमेटी की मीटिंग के दौरान 19 सदस्य मौजूद थे, लेकिन भाजपा के सदस्यों ने अटेंडेंस शीट पर हस्ताक्षर नहीं किया था। नियमों के मुताबिक, जो भी सदस्य हस्ताक्षर नहीं करता है उसे मीटिंग से अनुपस्थित माना जाता है। अब महुआ मोइत्रा इसी अटेंडेंस शीट की आड़ लेकर आरोपों को खारिज करने की कोशिश कर रही हैं।
Am a bit amused by charges of name-calling.
IT mtng did not happen because NO quorum – members did not attend.How can I call someone a name who was not even present!!
Check attendance sheet!@ShashiTharoor , @KartiPC @NasirHussainINC @MdNadimulHaque6— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) July 28, 2021
हालाँकि, यह पहला मौका नहीं जब महुआ मोइत्रा अपने साथी नेताओं के खिलाफ जातिवादी, क्षेत्रीय या धार्मिक टिप्पणी को लेकर विवादों में हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कथित ‘गुंडा-राज’ चलाने का आरोप लगाया था। महुआ ने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करते हुए ट्वीट किया था, “सीएम योगी आज पश्चिम बंगाल में आ रहे हैं। वह कहते हैं कि टीएमसी के गुंडों को एक-एक करके मार देंगे। गुड्डूजी- सुनो- आपकी ठोक दो संस्कृति आपके साम्प्रदायिक वानर सेना पर काम कर सकती है, यहाँ वो काम नहीं करेगी।”
इसी साल मार्च में उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को ‘चोटीवाला राक्षस’ कहा था। महुआ मोइत्रा की नफरत इस साल मई में तब भी दिखी जब दिल्ली पुलिस ने ट्विटर को नोटिस जारी किया था। मोइत्रा ने ट्वीट किया था, “हमारे सुसु पॉटी रिपब्लिक में आपका स्वागत है! गौमूत्र पिएँ, गोबर मलें और नियमों व कानूनों को शौचालय में फ्लश कर दें।”
टीएमसी सांसद ने सुसु-पॉटी उपहास से लोगों को आश्चर्य में डाल दिया कि आखिर इसका ट्विटर के मुद्दे से क्या लेना-देना। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने मैनिपुलेटेड टैग मामले में पूछताछ के लिए ट्विटर को नोटिस जारी किया। इसी को लेकर मोइत्रा ने ये ट्वीट किया था।
इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर जब गवर्नर जगदीप धनखड़ ने कानून-व्यवस्था को लेकर नाराजगी दिखाई तो वे उन्हें भी निशाना बनाने से बाज नहीं आईं।
And Uncleji- while you’re at it- take the extended family you’ve settled in at WB RajBhavan with you. pic.twitter.com/a8KpNjynx9
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) June 6, 2021
दुबे के आरोपों के बाद महुआ मोइत्रा की चौतरफा आलोचना हो रही है। इसी क्रम में वरिष्ठ पत्रकार बृजेश कुमार ने ट्वीट कर कहा है, “जब ज़िन्ना के डायरेक्ट एक्शन के इशारे को समझते हुए जेहादी कत्लेआम मचा रहे थे, उस समय ये ‘बिहारी गुंडे’ ही थे, जिन्होंने पाकिस्तान के नाम पर कोलकाता की सड़कों पर नरसंहार को अंजाम देने वाले बर्बर दंगाइयों को मार भगाया था और बंगाली भद्रलोक की जान बचाई थी! ललनाओं को याद रखना होगा ये!”
जब ज़िन्ना के डायरेक्ट एक्शन के इशारे को समझते हुए जेहादी कत्लेआम मचा रहे थे, उस समय ये ‘बिहारी गुंडे’ ही थे, जिन्होंने पाकिस्तान के नाम पर कोलकाता की सड़कों पर नरसंहार को अंजाम देने वाले बर्बर दंगाइयों को मार भगाया था और बंगाली भद्रलोक की जान बचाई थी! ललनाओं को याद रखना होगा ये!
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) July 28, 2021