लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएम बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत जिन बच्चों ने कोरोना महामारी के तहत अपने माता-पिता को खोया है, सरकार उनकी मदद करेगी। इस योजना को जहाँ प्रभावित बच्चों के पालन-पोषण से लेकर उनकी शिक्षा और सुरक्षित भविष्य के लिए तैयार किया गया है। वहीं इसी योजना के अंतर्गत कोरोना में अनाथ हुई बच्चियों की शादी की उम्र आने पर उन्हें 1 लाख 1 हजार रुपए देने का ऐलान भी है।
जानकारी के मुताबिक, जब लड़कियों की उम्र शादी लायक होगी तो सरकार उन्हें 1 लाख 1 हजार रुपए देगी और इसके लिए योगी सरकार ने बुधवार (जुलाई 28,2021) को विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। वहीं, महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस योजना का लाभ पाने के लिए निर्धारित प्रारूप भी जिलों में भेज दिया है। आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जाँच 15 दिनों में पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव वी हेकाली झिमोमी की ओर से जारी आदेश में कहा गया, “उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहीं लड़कियों को ही उनके विवाह के लिए आर्थिक सहायता, अनुदान की धनराशि दी जाएगी। विवाह के लिए निर्धारित की गई तिथि को वर की आयु 21 वर्ष तथा वधू की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। विवाह की तिथि के 90 दिन पहले या फिर विवाह होने के 90 दिन बाद तक इस योजना में आवेदन करना होगा।”
प्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ पाने के लिए लड़कियाँ खुद या उनके माता/पिता या फिर अभिभावक ऑफलाइन आवेदन करेंगे। इसके साथ ही जरूरी दस्तावेज लगाने आवश्यक होंगे। फिर, आवेदन पत्र को ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी या विकास खंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी के पास जमा करना होगा।
शहरी क्षेत्रों में इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन संबंधित लेखपाल या फिर जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय के पास जमा करना होगा। ये सुविधा उनके लिए नहीं है जिनका विवाह दो जून से पहले हुआ। इस तारीख के बाद होने वाले विवाह के लिए अनुदान दिया जाएगा। बता दें कि 2 जून को ही उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अस्तित्व में आई थी।
आवेदन के साथ जमा होने वाले दस्तावेजों में; लड़की तथा उसके वर्तमान अभिभावक की ताजा फोटो, माता-पिता/वैध संरक्षक का मृत्यु प्रमाणपत्र तथा कोविड-19 से मृत्यु संबंधी साक्ष्य, वर व वधू का आयु प्रमाणपत्र, विवाह का कार्ड व उत्तर प्रदेश के निवासी होने का प्रमाण-पत्र तथा आय प्रमाणपत्र लगाना होगा।
प्रमुख सचिव का कहना है कि बाल सेवा योजना के अंतर्गत जितनी लड़कियाँ आती हैं उनसे या उनके गार्जियन से जिला बाल संरक्षण इकाई सीधे संपर्क कर उनके आवेदन पत्र प्राप्त करें और 15 दिनों के अंदर उसे पूरा कराएँ। उनके मुताबिक, जिलास्तरीय टास्क फोर्स इसके लिए जिला बाल संरक्षण इकाई की निगरानी करेगी तथा यह सुनिश्चित कराएगी कि ऐसी सभी लड़कियों के आवेदन पत्र समय से प्राप्त कर लिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए योगी सरकार द्वारा शुरू की गई योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय तीन लाख या कम होगी। बच्चियों की शादी में मदद के अलावा, इस योजना के तहत हर बच्चे को हर माह 4 हजार रुपया मिलेगा। साथ ही 11 साल से 18 साल तक के बच्चों को 12वीं तक की मुफ्त शिक्षा मिलेगी।