पंजाब और राजस्थान के बाद कॉन्ग्रेस का कलह अब छत्तीसगढ़ पहुँच गया है, जहाँ वो बड़े बहुमत के साथ सत्ता में है। हाल ही में पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री उम्मीदवार का दावेदार बन कर उभरे। कुछ यही हाल नवंबर 2019 में था, जब राजस्थान में सचिन पायलट, छत्तीसगढ़ में TS सिंह देव और मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को किनारे किया गया था। लेकिन, अब छत्तीसगढ़ में कलह बढ़ता जा रहा है।
ताज़ा खबर ये है कि अपनी ही सरकार के रवैये से आहत होकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री TS सिंह देव सदन से वॉकआउट कर गए। रामानुजगंज के कॉन्ग्रेस के विधायक बृहस्पति सिंह ने उन पर जानलेवा हमला कराने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ करने पर TS सिंह देव उनसे नाराज़ हो गए थे। इन आरोपों के बाद कुछ अन्य विधायकों द्वारा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ लॉबी बनाने की बात सामने आई।
छत्तीसगढ़ में रह-रह कर ये बात सामने आती रही है कि सिंह देव और बघेल के बीच ढाई-ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री बनने का फॉर्मूला तय हुआ था। लेकिन, भूपेश बघेल असम सहित कई राज्यों की विधानसभा चुनाव में सक्रियता दिखा कर गाँधी परिवार के करीबी बनने में कामयाब हो गए, जिसके बाद TS सिंह देव की राह मुश्किल हो गई। अब अपनी ही पार्टी के एक विधायक द्वारा इस तरह के आरोप लगाने से उनकी छवि को नुकसान पहुँचा है।
बता दें कि डॉक्टर रमन सिंह के अंतिम कार्यकाल में नेता प्रतिपक्ष के रूप में 5 साल सबसे ज्यादा मुखर सिंह देव ही रहे थे। भूपेश बघेल भी तब राज्य भर में यात्रा कर के भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में लगे थे। अब टीएस सिंह देव ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आर-पार का मूड बना लिया है। सुरगुजा राजपरिवार से सम्बन्ध रखने वाले टीएस सिंह देव को राज्य में लोग ‘बाबा’ कहते हैं।
500 करोड़ रुपए से भी अधिक संपत्ति के साथ वो राज्य में सबसे अमीर विधायक भी हैं। सुरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर उनकी कर्मभूमि रही है और यहीं से उन्होंने विधानसभा में हैट्रिक भी लगाई है। इसी अंबिकापुर में विधायक बृहस्पति सिंह पर हमला हुआ, जिसमें उनकी गाड़ी के शीशे टूट गए। उनका कहना है कि इसके बाद हमलावर भाग खड़े हुए। अब इस आरोप के अगले ही दिन सिंह देव सदन की कार्यवाही छोड़ बाहर निकल गए।
मंत्री टीएस सिंह देव ने क्या कहा देखिए pic.twitter.com/uc2LnTOMsO
— IBC24 News (@IBC24News) July 27, 2021
उन्होंने कहा, “मैं केवल ये कहने के लिए खड़ा हुआ हूँ कि जब तक मेरे विषय में सदन में शासन का स्पष्ट वक्तव्य नहीं आ जाता, तब तक मैं खुद को सदन की कार्यवाही में सम्मिलित होने के योग्य नहीं समझता हूँ।” इसके बाद वो अपने आवास के लिए निकल गए। इसके बाद न सिर्फ रायपुर, बल्कि दिल्ली में बैठे कॉन्ग्रेस आलाकमान की भी बेचैनी बढ़ गई है। जल्द ही टीएस सिंह देव गाँधी परिवार से मुलाकात करने दिल्ली निकल सकते हैं।
इससे पहले अपने ऊपर लगे आरोपों पर उन्होंने कहा था कि MLA बृहस्पति सिंह ने भावनाओं में बह कर ऐसा कहा होगा। लेकिन, सोमवार (26 जुलाई, 2021) को इसे लेकर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया रायपुर में सक्रिय रहे और उन्होंने कई नेताओं के साथ बैठकें की। इससे टीएस सिंह देव आहत हुए हैं। उनकी ही सरकार ने अपनी मंत्री का बचाव करते हुए कोई बयान जारी नहीं किया, जिससे उन्हें और चोट पहुँची।
In 2.5 years, the (Chhattisgarh) government has completely shattered. When a minister has lost all hope with the govt, why would 2.7 crore people of the state trust it?: Former Chhattisgarh CM Raman Singh on State Health Minister TS Singh Deo walking out of House pic.twitter.com/0QkbAo42p0
— ANI (@ANI) July 27, 2021
आरोप लगाने वाले विधायक भूपेश बघेल के समर्थक हैं, ऐसे में लोगों के बीच तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पीएल पुनिया ने सदन में भी सिंह देव से मुलाकात की थी और विधायक बृहस्पति सिंह से भी मिले थे। फिर उन्होंने कोई विवाद न होने का दावा किया था। अब राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार के बयान पर सब कुछ निर्भर करता है। जहाँ सिंह देव क्षत्रिय समुदाय से आते हैं, उन पर आरोप लगाने वाले विधायक आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
कॉन्ग्रेस विधायक ने अपनी जान को खतरा बताते हुए आरोप लगाया था कि ‘महाराज’ उनकी हत्या करवा सकते हैं। उन्होंने कहा था, “अगर मुझे मारकर सिंहदेव मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो उन्हें इस पद से नवाजा जाना चाहिए। वो कॉन्ग्रेस के दूसरे विधायकों का अपमान करते ही रहते हैं। इस मुद्दे को कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के सामने उठाऊँगा औऱ विधायक दल की बैठक में भी इस बात को रखूँगा। छत्तीसगढ़ क़ॉन्ग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष से शिकायत कर मामले में कार्रवाई की माँग करूँगा।”