हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थल बद्रीनाथ धाम में बुधवार (21 जुलाई 2021) को 15 मुस्लिम श्रमिकों द्वारा ईद की नमाज अदा किए जाने के मुद्दे ने अब जोर पकड़ लिया है। कार्रवाई की माँग करते हुए हिन्दू संगठनों ने उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को ज्ञापन दिया है, जिस पर उन्होंने चमोली के पुलिस अधीक्षक को जाँच के आदेश दिए हैं। पुलिस का कहना है कि इस मामले को भ्रामक तरीके से फैलाया जा रहा है और इसकी जाँच चल रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बद्रीनाथ धाम में आस्था पथ नामक संस्था के पार्किंग स्थल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसी निर्माण कार्य में संलग्न श्रमिकों में से कुछ मुस्लिम समुदाय के भी हैं। बुधवार को 15 की संख्या में मुस्लिम श्रमिकों ने बद्रीनाथ धाम में ईद की नमाज पढ़ी। हालाँकि चमोली पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि श्रमिकों ने एक बंद कमरे में नमाज पढ़ी थी। लेकिन पर्यटन मंत्री को दिए गए ज्ञापन में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि बद्रीनाथ धाम में जानबूझकर नमाज पढ़ी गई है। उन्होंने ज्ञापन में इस बात पर भी ध्यान दिलाया है कि जब बद्रीनाथ धाम पूरी तरह से हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए बंद है और वहाँ हिंदुओं को दर्शन तक की अनुमति नहीं है तो फिर वहाँ नमाज कैसे पढ़ी जा सकती है?
विहिप के पदाधिकारियों द्वारा पर्यटन मंत्री को ज्ञापन दिए जाने के बाद पुलिस ने मामले की जाँच की। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी श्रमिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।पुलिस ने इनके खिलाफ कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज किया है। हालाँकि चमोली पुलिस ने इस घटना को लेकर जो ट्वीट किया है उसमें स्पष्ट तौर पर कहा है कि मजदूरों ने बंद कमरे में बिना लाउडस्पीकर और मौलवी के नमाज पढ़ी। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी पालन किया गया। साथ ही आरोपों की जाँच करने की भी बात कही है।
कृपया अफवाहों से बचें बिना सत्यता को जाने कोई भी खबर साझा ना करें।
चमोली पुलिस pic.twitter.com/BNExacKa6N
— chamoli police (@chamolipolice) July 21, 2021
बद्रीनाथ धाम में नमाज पढ़े जाने की घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है। उन्होंने इस मामले में बद्रीनाथ थाने में जाकर ज्ञापन भी दिया। एक स्थानीय नागरिक का कहना है कि उनसे अक्सर पहचान-पत्र माँगे जाते हैं। इसके कारण उन्हें कभी-कभी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। इसी तरह ठेकेदारों को भी ध्यान देना चाहिए कि जब वो अपने मजदूर लेकर आएँ तो उन्हें बद्रीनाथ धाम के रीति-रिवाजों से परिचित कराएँ। साथ ही उसने यह भी कहा कि सभी ठेकेदारों से यह निवेदन है कि वो अपनी सीमाओं को न लाँघे, क्योंकि वो (हिन्दू) सोए नहीं हैं और अपने रिवाजों की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
wow so bjp is allowing namaz in Badrinath while locals have to take permission to enter the temple ?pic.twitter.com/ZByoNcvq3m
— hyun (@ivyvedaz) July 22, 2021
एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि बद्रीनाथ धाम के मूल स्थानीय निवासियों को न तो मंदिर में दर्शन करने दिया जा रहा है और न ही तप्त कुंड में स्नान करने की अनुमति है। उन्होंने बताया कि मंदिर समिति के ऐक्ट नंबर 183 में साफ तौर पर कहा गया है कि बद्रीनाथ धाम में मंदिर की धार्मिक गतिविधियों के अलावा कोई अन्य गतिविधि संचालित नहीं होगी। फिर भी बाहर से आकर कुछ मुस्लिमों ने यहाँ नमाज अदा की जो निंदनीय है। यह हिंदुओं के आस्था के साथ बड़ा खिलवाड़ है। एक अन्य स्थानीय महिला ने अनुरोध किया है कि नमाज पढ़ने वाले मुस्लिमों की परमिशन रद्द की जाए और ठेकेदार को भी यह हिदायत दी जाए कि उसके द्वारा आगे से बद्रीनाथ धाम में कोई भी ऐसा कार्य न किया जाए।