चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में जारी कलह शांत होने का नाम नहीं ले रही है. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष (Congress State President) बनाने की चर्चा की बीच खबर है कि सूबे के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और पुराने कांग्रेसी नेता सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर स्वीकार करने के पक्ष में नहीं हैं. वो नहीं चाहते हैं कि पंजाब कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू के हाथ में दी जाए.
सिद्धू का पत्ता काटने ने के लिए कैप्टन अमरिंदर अपने पुराने विरोधियों को भी गले लगाने को तैयार हैं. बीती रात पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सिसवां फार्म हाउस में हुई बैठक में कैप्टन के पुराने विरोधी प्रताप सिंह बाजवा के बीच बातचीत हुई और सहमति बनी. सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने से रोकने के लिए अब पार्टी में पुराने कांग्रेसी नेताओं को तवज्जो देने का मुद्दा उठाया जाएगा.
प्रताप सिंह बाजवा के पक्ष में भी कुछ कांग्रेसी
कांग्रेस के कुछ नेता कांग्रेस पार्लियामेंट्री कमेटी में यह मुद्दा उठाने की तैयारी में हैं. कैप्टन और अन्य पुराने कांग्रेसी चाहते हैं कि अगर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष को बदलना है तो कमान प्रताप सिंह बाजवा को दे दी जाए. हाईकमान तक यही बात उठाने को लेकर बीती रात कैप्टन और बाजवा के बीच रणनीति बनी है.
प्रताप सिंह बाजवा के घर सांसदों की बैठक
नवजोत सिंह सिद्धू के मसले को लेकर पंजाब के कांग्रेस सांसद आज बैठक करने की तैयारी में हैं. दिल्ली में कांग्रेस के पंजाब के लोकसभा, राज्यसभा के सांसद प्रताप सिंह बाजवा के घर पर बैठक करने की तैयारी में हैं. इस बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर चर्चा होगी. सांसद सिद्धू को लेकर सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगेंगे. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी से मिलकर अपील करेंगे कि नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष ना बनाया जाए.
हरीश रावत ने की थी कैप्टन अमरिंदर से मुलाकात
बता दें कि कांग्रेस नेता हरीश रावत ने शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की थी. इसके बाद रावत ने बयान दिया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वे आलाकमान का फैसला मानेंगे. रावत ने कहा कि कैप्टन ने अपना पुराना बयान दोहराया है और कहा है कि जो भी कांग्रेस की अध्यक्ष फैसला लेंगी, वे उसका पालन करेंगे. लेकिन बाजवा से मीटिंग की खबरों के बाद ऐसा लगता है कि अमरिंदर सिंह, सिद्धू को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में नहीं हैं.