नई दिल्ली। भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को अपील का अधिकार देने वाले पाकिस्तानी कानून में कई कमियां हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि इस बिल में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय का उल्लंघन है. भारत का कहना है कि इस बिल में कई सुधार किए जाने की जरूरत है.
दरअसल बीते शनिवार को पाकिस्तान की संसद ने वो बिल पास कर दिया था, जिसके तहत भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मौत की सज़ा के खिलाफ अपील कर सकते हैं. बता दें कि पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत विधेयक, 2020 को पारित किया. अब अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) के फैसले के तहत जाधव को राजनयिक मदद दी जा सकेगी.
2017 में सुनाई गई थी मौत की सजा
भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था.
आईसीजे ने जुलाई 2019 में फैसला दिया था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराने और सजा सुनाने संबंधी फैसले की समीक्षा करनी चाहिए. साथ ही आईसीजे ने कहा था कि बिना किसी देरी के भारत को जाधव के लिए राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने देने का भी मौका देना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने 2019 के फैसले में पाकिस्तान को, जाधव को दी गई सजा के खिलाफ अपील करने के लिए उचित मंच उपलब्ध कराने को कहा था.