नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शिक्षक पात्रता यानी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) की वैधता आजीवन करने का निर्णय लिया है. इससे पहले अभी तक शिक्षक पात्रता टेस्ट की वैधता परीक्षा के वर्ष से अगले 7 वर्ष तक के लिए मान्य होती थी.
केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से टीईटी परीक्षा पास करने वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में विस्तार होगा.
7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन की गई वैधता
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने गुरुवार को घोषणा की है कि सरकार ने 2011 से पूर्वव्यापी प्रभाव से शिक्षक पात्रता की वैधता अवधि को 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय लिया है.
Validity period of Teachers Eligibility Test (TET) qualifying certificate has been extended from 7 years to lifetime with retrospective effect from 2011. https://t.co/8IQD3cwRTz (1/2) pic.twitter.com/EGi5IJ2wNu
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) June 3, 2021
उन्होंने कहा कि संबंधित राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रद्देश उन उम्मीदवारों को नए टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे जिनकी 7 वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है.
शिक्षामंत्री पोखरियाल ने कहा कि शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा.
शिक्षक पात्रता परीक्षा किसी व्यक्ति के लिए स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यताओं में से एक है.
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के दिनांक 11 फरवरी 2011 के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि टीईटी राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाएगी. टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता टीईटी पास करने की तारीख से 7 वर्ष तक थी.
जानिए 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को लेकर क्या बोले शिक्षा मंत्री
वहीं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द्द किए जाने के निर्णय पर शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा, विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शिक्षा व्यवस्था में लगभग 33 करोड़ विद्यार्थियों की सुरक्षा,स्वास्थ्य तथा उनका उज्जवल भविष्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
सभी हितधारकों से व्यापक विचार विमर्श एवं परामर्श के पश्चात ही उचित निर्णय लेना मोदी सरकार की निर्णय प्रक्रिया की विशेषता है.
निशंक के मुताबिक इस निर्णय तक पहुंचने के लिए राज्य के शिक्षा मंत्रियों, शिक्षा सचिवों, शिक्षाविदों, विद्यालय संचालकों, विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से लंबा परामर्श किया गया है. यह सभी हितधारकों से परीक्षा के लिए किया गया विश्व का सबसे बड़ा विमर्श है.