लखनऊ। विवादित बयानों के जरिए सुर्खियां बटोरने में माहिर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन अपने इस बेतुके बयान की वजह को भी वाजिब बताने से नहीं चूके।
समाजवादी पार्टी के सांसद एस.टी. हसन ने कहा कि जितनी भी नाइंसाफियां हुई हों, चाहे ऐसे कानून बना दिए गए हों जिसमें शरीयत के अंदर छेड़छाड़ हुईं हों। चाहे ऐसा कानून बना दिया गया हो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में खास तौर पर एक कम्युनिटी को कह दिया गया हो कि उनको नागरिकता नहीं मिलेगी। यानी मुसलमान को नागरिकता नहीं मिलेगी। बाकी सबको मिल जाएगी।
यानी अपनी सियासी सहूलियत के लिए उन्होंने मोदी सरकार पर मुसलमानों से भेदभाव का आरोप जड़ दिया। समाजवादी सांसद एसटी हसन को कोरोना महामारी, तौकते और यास तूफान में भी सियासी अक्स दिखने लगा। उन्होंने बिना वक्त गंवाए कोरोना और तूफानों को ऊपर वाले का इंसाफ करार दे दिया।
समाजवादी पार्टी के सांसद एस.टी. हसन ने कहा कि अगर जमीन वाले जब इंसाफ नहीं करते, आसमान वाला इंसाफ करता है और जब वो इंसाफ करता है। उसमें इफ एंड बट नहीं होता, आपने देखा नहीं कि पिछले दिनों क्या हुआ है। लाशों की कितनी बेअदबी हुई है, कुत्तों को लाशें खानी पड़ गईं, दरिया में बहा दी गईं।
राम मंदिर के लिए धन संग्रह अभियान पर समाजवादी पार्टी के सांसद सवाल उठा चुके हैं। यही वजह है कि बिना वक्त बर्बाद किए BJP ने उनकी मंशा पर सवाल खड़े कर दिए।
यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि समाजवार्टी पार्टी के सांसद एसटी हसन के बयान से ये साफ है कि ये देश के संविधान में विश्वास रखने वाले लोग नहीं हैं। ये चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी जीता आओ, शरिया कानून लाओ। इनकी बोली और आईएसआईएस की बोली एक सी है। ये लोग शरिया कानून में विश्वास रखने वाले लोग हैं।
BJP ने साफ-साफ आरोप लगाया कि सियासी फायदे के लिए ही समाजवादी पार्टी के नेता सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं। ताकि बांटों और राज करने की नीति के सहारे वो अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक लें। और सत्ता की सबसे बड़ी कुर्सी तक पहुंच सकें।