लखनऊ। मुख्तार अंसारी के दबदबे के आगे में मेरी एक नहीं चली, मैने उसके कहने पर ही एंबुलेंस के जाली पेपर बनवाये उसके बाद उसी पेपर के आधार पर एंबुलेंस को कंपनी से निकलवाया था। ये जुर्म मऊ के संजीवनी अस्पताल के संचालिका डा. अलका राय ने गिरफ्तारी होते ही स्वीकार किया है। बाराबंकी पुलिस की गिरफ्तर में आयी अल्का व उसके सहयोगी शेषनाथ ने पुलिस के सामने मंगलवार को मुंह खोला तो कई और भी नाम सामने आये हैं। ऐसे में कुछ और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं, फिलहाल डॉ अल्का और उसके सहयोगी को पुलिस ने कोर्ट में पेशी के बाद जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एसपी बाराबंकी ने यमुना प्रसाद ने अमृत विचार से बातचीत में बताया कि बाराबंकी में फेक आइडी बनाकर मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल के नाम से अलका राय और उनके सहयोगियों ने एंबुलेंस खरीदकर रजिस्टर्ड कराया था। शेषनाथ एम्बुलेंस खरीद में जमानतदार थे। दोनों की गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया है।
अलका राय ने अपने बयान में बताया है कि मुख्तार के कहने पर वर्ष 2013 में फेक आइडी के सहारे एंबुलेंस खरीदा था। जोकि मुख्तार के निजी कार्य में प्रयोग होती थी। अन्य फरार साथियों की तलाश हो रही है। उन्होंने बताया कि अभी गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर कई कुछ अन्य आरोपियों की गिरफ्तार हो सकती है। वहीं पुलिस सूत्रों ने बताया कि विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि मुजाहिद की तलाश हो रही है, उसके ठिकानों के बारे में पता भी चला है।
31 मार्च को एंबुलेंस का सच आया था सामने
बीती 31 मार्च को जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था तब उसे एक यूपी नंबर की एम्बुलेंस से मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था। इस एंबुलेंस पर बाराबंकी का नंबर था। इस मामले में पुलिस का शिकंजा कसते ही मुख्तार के गुर्गे उसे रुपनगर में एक ढाबे के पास लावारिस हालत में छोड़कर फरार हो गए थे।
एंबुलेंस का नंबर (यूपी 41 एटी 7171) श्याम संजीवनी हस्पिटल के नाम था, और ये हास्पिटल बीजेपी नेता डॉ अलका राय के नाम पर चल रहा है। इसमें पेपर के नाम पर हॉस्पिटल का लेटर और डॉक्टर अलका राय का वोटर कार्ड लगाया गया था। इसमें भी रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट व मकान का पता फर्जी पाया गया था। जिसके बाद बाराबंकी में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने अब मामले से जुड़े सारे कनेक्शन खोज लिए हैं।
पुलिस ने इस तरह से की गिरफ्तारी
एंबुलेंस की जानकारी मिलते ही आरोपियों पर 369/21 धारा-419, 420, 467, 468, 471 मुकदमा दर्ज किया गा था। पर्यवेक्षण के लिए तीन टीमें गठित की गई थीं। एक टीम विवेचक निरीक्षक महेंद्र सिंह के नेतृत्व में जिला मऊ भेजी गई थी। दूसरी टीम क्षेत्राधिकारी हैदरगढ़ नवीन कुमार सिंह के नेतृत्व में पंजाब गई थी।
संपूर्ण विवेचना की निष्पक्ष जांच एवं पर्यवेक्षण के लिए एक एसआइटी का भी गठन किया गया था। मऊ गई टीम को श्याम संजीवनी अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की डा. अलका राय, उनके सहयोगी डा. शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद विधायक प्रतिनिधि, राजनाथ यादव व अन्य का नाम इस आपराधिक षड्यंत्र में आया था। जिसमें राजनाथ यादव को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
पुलिस ने एंबुलेंस प्रकरण में डॉक्टर अल्का राय समेत तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की है, इसमें राजनाथ यादव पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था, आरोपियों से पूछताछ में कई और जानकारियां मिली हैं, कोर्ट में पेशी के बाद आरोपियों को जेल भेज गया है। -युमना प्रसाद एसपी बाराबंकी