केरल के सोना तस्करी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केरल हाईकोर्ट में एक दस्तावेज जमा करवाते हुए चौंकाने वाला खुलासा किया। इसके मुताबिक आरोपित स्वप्ना सुरेश ने एजेंसी को बताया कि राज्य विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन ‘निजी गंदे इरादों’ से उन्हें अपने फ्लैट पर बुलाते थे।
Kerala gold smuggling case: According to a document submitted by ED in Kerala High Court, accused Swapna Suresh said that State Assembly Speaker P Sreeramakrishnan used to call her to his flat for some ‘personal dirty intentions’
— ANI (@ANI) March 28, 2021
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन को लेकर इस मामले के दो आरोपित ईडी को यह भी बता चुके हैं कि उन्होंने ओमन में एक कॉलेज में निवेश किया हुआ है और उन्होंने ही यूएई वाणिज्य दूतावास अधिकारी के लिए नोटों का बंडल सौंपा था।
बता दें कि एजेंसी ने अपने अधिकारियों के ख़िलाफ़ केरल पुलिस द्वारा दायर एक एफआईआर रद्द करने की माँग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है। इसी याचिका में उन्होंने सोना तस्करी केस के ब्योरे के साथ श्रीरामकृष्णन एवं अन्य के खिलाफ लगाए गए आरोपों को संलग्न किया। इसमें आरोपित स्वप्ना सुरेश, संदीप नायर और सरित पीएस के अलावा निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर का बयान भी शामिल है।
स्वप्ना सुरेश ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष को लेकर खुलासा करने से पहले केरल के सोना और डॉलर तस्करी मामले में कस्टम अधिकारियों के सामने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का नाम लिया था। सुरेश ने बताया था कि मुख्यमंत्री महावाणिज्य दूत (Consulate General) के सीधे संपर्क में थे। उनके अलावा उनकी सरकार के तीन और कैबिनेट मंत्री इस डॉलर की तस्करी के मामले में शामिल थे।
सुरेश के इस चौंकाने वाले बयान के बाद केरल विधानसभा में विपक्षी नेता भी हमलावर हो गए थे। रमेश चेन्निथला का कहना था कि कॉन्ग्रेस द्वारा सोने की तस्करी और डॉलर की तस्करी के मामले में लगाए गए सभी आरोप सही साबित हो रहे हैं।
मामले में लगातार नाम उछलने के कारण पिनरई विजयन ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने राष्ट्रीय जाँच एजेंसियों के पड़ताल के तरीके पर सवाल उठाया था और उन पर बिना किसी उद्देश्य के जाँच का आरोप लगाया था।
उन्होंने लिखा था कि इससे ‘ईमानदार अधिकारी हतोत्साहित’ हो रहे हैं। उनके अनुसार मामले की पूछताछ को रस्सी फेंक कर मछली पकड़ने का अभियान नहीं बनना चाहिए, जिससे केंद्रीय जाँच एजेंसियों की विश्वसनीयता का भारी नुकसान होता है।