गुजरात में हुए जिला पंचायत चुनाव के आज परिणाम घोषित हुए. परिणाम आते ही बीजेपी के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई. बीजेपी ने सभी 31 सीटों पर शानदार जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस का खाता बंद कर दिया. 29 जिला पंचायत में तो हाल ऐसे रहे, जहां कांग्रेस के जीतने वाले सदस्यों की संख्या दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी.
बीजेपी के लिए ये पहला मौका है जब 31 जिलों में जीत का शानदार परचम फहराया गया है. वहीं इस चुनाव में कांग्रेस की हालत सबसे ज्यादा खराब हुई.पंचमहाल में तो कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई. वहीं तापी जिला पंचायत में पहली बार बीजेपी ने जीत दर्ज की. 2015 के चुनाव की बात करें तो 31 जिला पंचायत में से कांग्रेस ने 22 जिला पंचायतों में जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी को सिर्फ 7 सीट ही मिली थीं, लेकिन इस बार बीजेपी की शानदार जीत हुई है.
अपने गढ़ में भी हार गई कांग्रेस
जिला पंचायत चुनाव कांग्रेस के लिए काफी बुरा साबित हुआ. हाल ये हुआ कि कांग्रेस के खुद के गढ़ कहे जाने वाले जिलों में भी जीत नहीं मिली. यहां तक कि विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी खुद के चुनाव क्षेत्र अमरेली में कांग्रेस को जीत नहीं दिला सके. यहां पर कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. वहीं आनंद अमरेली, साबरकांठा और जामनगर जिला पंचायत में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, जबकि इन क्षेत्रों में कांग्रेस का अच्छा दबदबा माना जाता है.
गुजरात जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता भी प्रत्याशियों को जीत नहीं दिला सके. अमित चावड़ा, भरत सिंह सोलंकी, अश्विन कोटवाल, विक्रम माडम जैसे नेताओं के इलाकों में भी बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की, यहां पर कांग्रेस दहाई का आंकड़ा तक पार नहीं कर सकी. बता दें कि गुजरात में माना जाता है की शहरी इलाकों में जहां बीजेपी का, तो वहीं ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस का दबदबा रहता है, लेकिन इस बार कांग्रेसी इस दबदबे वाले इलाके में भी बीजेपी ने अच्छा खासा नुकसान पहुंचाया है.