नई दिल्ली। खालिस्तानी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ)’ ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की है कि आप अपने-अपने राज्यों को ‘भारत से आज़ाद’ घोषित करें। यूट्यूब पर ‘फ्री बंगाल फ्री महाराष्ट्र’ नाम से चैनल बना कर पहला वीडियो भी अपलोड कर दिया गया है, जिसमें SFJ के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि वो मानवाधिकार के लिए लड़ रहा है और पंजाब को ‘कब्ज़ा से मुक्ति’ दिलाने के लिए लड़ रहा है।
वीडियो में उसने कहा, “मैं महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के नागरिकों को संदेश देना चाहता हूँ। मराठी और बंगाली भाई-भाई होते हैं। मैंने ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर कहा है कि वो एकतरफा रूप से दोनों राज्यों को भारत से आज़ाद घोषित करें। दोनों राज्यों की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को बचाने के लिए भारत की प्रधानता का खत्म होना ज़रूरी है। भारत इन सब को ख़त्म कर उन पर राज़ करना चाहता है।”
SFJ के इस वीडियो में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री वहाँ के आधिकारिक मुखिया हैं, ऐसे में उनके पास अधिकार है कि वो ‘आज़ादी की घोषणा’ करें। उसने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून भी इसका समर्थन करेगा और विवाद की स्थिति में ‘इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस’ निर्णय करेगा। पन्नू ने दावा किया कि पिछले 73 वर्षों से भारत सरकारों ने दोनों राज्यों के प्राकृतिक संसाधनों का ‘दोहन’ किया है।
उसने वहाँ के लोगों की गरीबी के लिए भी भारत सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। पन्नू ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में किसानों की आत्महत्या के आँकड़े बढ़ते जा रहे हैं और वो देश में सर्वाधिक हैं क्योंकि भारत सरकार ने हमेशा ‘महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल विरोधी नीतियाँ’ बनाई हैं। उसने कहा कि ममता और उद्धव को इतिहास में ऐसे नेता के रूप में सम्मान देकर याद किया जाएगा, जिन्होंने ‘अपने नागरिकों का साथ’ दिया।
SFJ के पन्नू ने कहा, “आप दोनों (ममता और उद्धव) के पास क्षमता है कि आप पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र को अलग-अलग देश घोषित करें। अभी आप मुख्यमंत्री हैं, लेकिन ऐसा होते ही आप दोनों अपने-अपने देशों के प्रधानमंत्री बन जाएँगे। अभी वो समय यही जब आप अपनी शक्ति, कलम और जनता के वोटों का इस्तेमाल करे। हम लोग अंतरराष्ट्रीय मंच पर आपका समर्थन करेंगे। कोसोवा को ऐसे ही हमने आज़ादी दिलाई।”
बता दें कि गणतंत्र दिवस हिंसा से पहले प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ)’ ने ऐलान किया था कि जो भी दिल्ली के लाल किला पर खालिस्तानी झंडा फहराएगा, उसे 2.5 लाख डॉलर (1.83 करोड़ रुपए) इनाम के रूप में दिए जाएँगे। लाल किले पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ चढ़ भी गई थी और वहाँ तिरंगे का अपमान भी किया गया। पन्नू ने हिंसा करने वालों का भी जम कर समर्थन किया था।