नई दिल्ली। टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस आज साइबर सेल ऑफिस में निकिता जैकब, शांतनु और दिशा रवि को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर रही है. कल भी दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब और शांतनु से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की थी. कल ही पुलिस ने दिशा रवि की रिमांड को बढ़ाने की मांग की थी. पुलिस का कहना था कि हम तीनों को एक साथ बैठाकर पूछताछ करना चाहते हैं. इस दलील को सुनने के बाद कोर्ट ने दिशा रवि की रिमांड एक दिन बढ़ा दी थी.
दिशा रवि की एक दिन की कस्टडी खत्म होने पर दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दिशा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली. धर्मेंद्र राणा ने दिशा को सशर्त जमानत दे दी. न्यायाधीश ने दिशा को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. कोर्ट के फैसले पर दिशा के वकीलों ने कहा कि वह ऐसे परिवार से नहीं आती जो इतनी बड़ी रकम वहन कर सके. दिशा अभी भी अपने वकीलों के साथ कोर्ट रूम में ही हैं.
दिशा रवि ने शांतनु-निकिता पर डाले सभी आरोप
सोमवार को दिल्ली पुलिस ने अदालत में बताया कि दिशा रवि ने सारे आरोप शांतनु-निकिता पर डाल दिए हैं, ऐसे में वो उन तीनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहते हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से अदालत को जूम मीटिंग की जानकारी दी गई, जिसका संबंध टूलकिट बनाने और आगे बढ़ाने से है.
बता दें कि सोमवार को ही टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब और शांतनु साइबर सेल पहुंचे. निकिता जैकब और शांतनु को दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था. पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि दिशा रवि को निकिता जैकब और शांतनु के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है.
आपको बता दें कि पर्यावरणविद दिशा रवि को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए टूलकिट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि इसके पीछे खालिस्तान से जुड़े संगठनों की साजिश थी. पुलिस ने बताया कि 17 और 18 जनवरी को भी जूम मीटिंग की गई और 23 को टूलकिट तैयार हुआ.
दिल्ली पुलिस का दावा है कि कनाडा के पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा एमओ धालीवाल भारत में किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था. अगर वो सीधे कोई कार्रवाई करता तो एक्सपोज़ हो जाता इसलिए उसने भारत मे कुछ चेहरों का सहारा लिया. दिशा रवि ने टूलकिट में एडिट किया है. इनका सहयोगी शान्तनु दिल्ली आया था और 20 से 27 तक दिल्ली में था.
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि दिशा की तरफ से सबूतों को मिटाया गया है. दिशा ने सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की है, 60 से 70 लोग Zoom मीटिंग में थे जिसमें मो धालीवाल शामिल था, दिशा रवि को तमाम हो रही चीजों की जानकारी थी. उनको यह पता था कि किस प्रकार लोगों को भ्रमित किया जा सकता है.
वहीं, दिशा रवि के वकील ने कहा कि किसी देश विरोधी व्यक्ति के बातचीत करने से क्या हम देश विरोधी हो जाएंगे? अपनी बातें किसी भी प्लेटफॉर्म पर रखना अपराध नहीं है. दिल्ली पुलिस कोई लिंक नहीं बना पा रही है. उन्होंने कहा कि हम किसी आंलोलन को पसंद-नापंसद कर सकते हैं. नापसंद करने का मतलब ये नहीं कि हम देशद्रोही हो गए.