नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से किसान सड़क पर हैं, लेकिन गणतंत्र दिवस पर इस आंदोलन की आड़ में जो हुआ वो बहुत ही परेशान करने वाला रहा । किसानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली की सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर परेड निकालने का वादा किया था, लेकिन इस रैली के तले कब हिंसा भड़क गई, कब शांतिपूर्ण प्रदर्शन उग्र बवाल में बदल गया, पुलिस को भी समझने में देर हो गई । इस हिंसा में 86 पुलिसवालों समेत 100 से ज्यादा लोग घायल हैं । एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई है । लेकिन सवाल यही है कि आखिर इस उपद्रव के पीछे कौन जिम्मेदार है । ऐसे में तीन नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं ।
दो महीने से चल रहे इस किसान आंदोलन से जुड़े किसान यूनियन के नेताओं ने तो सबसे पहले जिम्मेदारी से हाथ साफ कर दिए हैं, उनके मुताबिक दिल्ली में बवाल और हिंसा से उनका कोई नाता नहीं । इनमें से कई किसान नेता पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू को जिम्मेदार मान रहे हैं, तो कुछ लोग लक्खा सिंह सिधाना को आरोपी मान रहे हैं। वहीं राकेश टिकैत का तो एक वीडियो ही सामने आ गया है ।
पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू सितंबर महीने से किसान आंदोलन का चेहरा बने हुए हैं, वो सोशल मीडिया पर वीडियो डालते रहते हैं । भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने दीप सिद्धू पर आरोप लगाते हुए उन्हें हिंसा फैलाने और लाल किले में हुए उपद्रव का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि किसान संगठनों का लाल किले पर जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था, लेकिन दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया और आउटर रिंग रोड से लाल किले ले गया। वहीं योगेंद्र यादव के मुताबिक, इस बात की जांच होनी चाहिए कि किस प्रकार एक माइक्रोफोन के साथ दीप सिद्धू लाल किले तक पहुंच गया। उनका मानना है कि दीप सिद्धू के उकसाने पर ही प्रदर्शनकारी लाल किले की परिसर में दाखिल हुए थे। हालांकि दीप सिद्धू ये कहकर अपना बचाव कर रहे हैं कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया और केवल एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर ‘निशान साहिब’ को लगाया था।
वहीं गैंग्स्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने पंजाब के लक्खा सिंह सिधाना की भूमिका भी सामने आ रही है । लक्खा का खेल से अपराध और फिर राजनीति में खूब नाम रहा है । पंजाब में हत्या, लूट और अपहरण समेत कई मामले दर्ज होने के बावजूद अब वो अपनी छवि बदलने की कोशिश में हैं । दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा के मामले में कुल 22 केस दर्ज किए हैं, लेकिन गिरफ्तारी को लेकर कोई सूचना नहीं है। योगेन्द्र यादव ने भी लक्खा की भूमिका की जांच की मांग की है ।
राकेश टिकैत का वीडियो वायरल
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत जो कि किसानों की कोर कमेटी का भी हिस्सा हैं उनका तो एक वीडियो ही वायरल हो गया है । वीडियो में टिकैत लोगों से लाठी-डंडा साथ लेकर आने की अपील करते नजर आ रहे हैं । वीडियो में राकेश टिकैत को कहते हुए सुना जा सकता है कि अपना झंडा भी ले आना और लाठी भी साथ रखना। अब बस आ जाओ, अब जमीन नहीं बचने वाली। जमीन बचाने आ जाओ। हालांकि वीडियो सामने आने से पहले टिकैत का बयान आया था कि इस हिंसा में उनका कोई हाथ नहीं है । अब वीडियो पर मचे बवाल के बाद राकेश टिकैत ने सफाई दी, कहा कि हमने उन्हें झंडे में लगाने के लिए अपना डंडा साथ लाने को कहा था। ये वीडियो नीचे दिए लिंक में देखें ।