नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के खास मौके पर हुई हिंसा की हर ओर आलोचना हो रही है, किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए उपद्रव में दिल्ली पुलिस को भी निशाना बनाया गया है, वहीं सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो सामने आये हैं, जिसमें लाल किले पर फहरे राष्ट्रीय ध्वज के बगल में खाली पड़े पोल में कुछ युवकों ने पीले रंग के एक तिकोने ध्वज को फहरा दिया, जो कि चर्चा में आ गया है, जिसके बाद अब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी दिल्ली में तिरंगा फहराने का ऐलान किया है।
पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, तिरंगे का अपमान अब स्वीकार नहीं पुलिस वालों पर हमला अब बर्दाश्त नहीं, तिरंगा हमारा सम्मान, पुलिस हमारा अभिमान, तिरंगा मार्च – 30 जनवरी, शनिवार शाम पांच बजे, सेंट्रल पार्क कनॉट प्लेस, आप सभी जरुर आइये, हाथों में तिरंगा लेकर।
लालकिले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा धार्मिक झंडा फहराये जाने की घटना के दौरान मौजूद रहे एक्टर दीप सिद्धू ने कहा कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया और सिर्फ एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर निशान साहिब को लगाया था, निशान साहिब सिख धर्म का प्रतीक है और इस झंडे को सभी गुरुद्वारा परिसरों में लगाया जाता है।
सिद्धू ने फेसबुक पर पोस्ट किये एक वीडियो में दावा किया है कि वो कोई योजना बद्ध कदम नहीं था और उन्हें कोई सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिये, जैसा कट्टरपंथियों द्वारा किया जा रहा है, सिद्धू ने कहा कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराने के लिये हमने निशान साहिब और किसान झंडा लगाया, साथ ही किसान मजदूर एकता का नारा भी लगाया, उन्होने निशान साहिब की ओर इशारा करते हुए कहा कि झंडा देश की विविधता में एकता का प्रतिनिधित्व करता है, लालकिले पर ध्वज स्तंभ से राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया गया, किसी ने भी देश की एकता और अखंडता पर सवाल नहीं उठाये।