नई दिल्ली। ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन (प्रकार) बहुत तेजी से लोगों में फैल रहा है। यह पहली बार सितंबर में दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड में सामने आया था। जिसने बहुत ही तेजी से ब्रिटेन के अन्य क्षेत्रों को अपनी चपेट में ले लिया है। आइए जानते हैं कि कोरोना वायरस का यह नया प्रकार पिछले वायरस के मुकाबले में कितना अलग है और यह कितना घातक हो सकता है।
क्या होता है वायरस म्यूटेशन
वायरस म्यूटेशन यानी बदलाव का अर्थ है वायरस की आनुवांशिक शृंखला में परिवर्तन। सार्स सीओवी-2 सिंगल आरएनए वायरस है। म्यूटेशन का अर्थ उस क्रम में बदलाव से है, जिसमें मॉलीक्यूल की क्रम से व्यवस्था होती है। आरएनए वायरस में म्यूटेशन अक्सर तब होता है जब वायरस अपनी कॉपी बनाने में गलती करता है।
भारत में अभी तक नहीं
भारतीय विज्ञानियों का कहना है कि उन्होंने इस स्ट्रेन को भारत में नहीं देखा है। फिलहाल इससे चिंतित होने की जरूरत नहीं है और यह कुछ ही देशों तक पहुंचा है। सेंटर फोर सेल्युलर एंड मॉलीक्यूलर बायोलाजी से जुड़े विज्ञानियों का विश्लेषण है कि कई हजार सार्ससीओवी-2 वायरस जीनोम भारत में सार्वजनिक जीवन में है। इस बात का कोई संकेत नहीं मिलाहै कि ब्रिटेन में पाए गए म्यूटेशन में एसीई-2 रिसेप्टर (मानव प्रोटीन जिसके साथ वायरस स्पाइक प्रोटीन को बांधता है) से समानता है। अभी यह साबित नहीं हुआ है कि यहां फिलहाल नैदानिक और प्रतिरक्षी प्रभाव है।
महत्वपूर्ण है स्पाइक प्रोटीन
कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन संक्रमण की प्रक्रिया को शुरू करनेके लिए मानव प्रोटीन को बांधता है। इसलिए परिवर्तन संभवत: प्रभावित कर सकते हैं, जैसे वायरस में संक्रमित करने की कितनी क्षमता हैया यह गंभीर बीमारी का कारण बनता है या वैक्सीन की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया सेबच जाता है। हालांकि फिलहाल यह सिर्फ सैद्धांतिक चिंता हैं।
बहुत सी कोरोना वायरस वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन को लक्ष्य में रखते हुए एंटीबॉडी बनाती हैं। लेकिन वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन के कई क्षेत्रों को लक्षित करती है, जबकि म्यूटेशन सिर्फ एक बिंदु परपरिवर्तित होता है। इसलिए यदि एक म्यूटेशन है तो इसका अर्थ यह नहीं हैकि वैक्सीन काम नहीं करेगी।
इस तरह से समझिए वायरस के नए म्यूटेशन को
ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने नए म्यूटेशन को एन501वाई के रूप में पहचाना है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैंकॉक के मुताबिक, ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने 60 स्थानीय क्षेत्रों के 11 सौ लोगों में वायरस के म्यूटेशन का पता लगाया है। कांर्सोिटयम फॉरकोविड-19 जीनोमिक्स म्यूटेशन को ट्रैक कर रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस बेंगलुरु में न्यूरो वॉयरोलाजी के प्रमुख रह चुके प्रो वी रवि के मुताबिक, स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन की संभावना है। स्पाइक प्रोटीन के एक हिस्से में अकेला न्यूक्लियोटाइड परिवर्तन हुआ है, इसलिए रोग और निदान में कोई असर नहीं होगा।
50 फीसद चाहते हैं फिलहाल बंद रहे विमान सेवाएं
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन सामने आने के बाद भारत सहित कई देशों ने ब्रिटेन के लिए विमानों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। ऐसे में सामुदायिक इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म लोकल सर्कल्स ने विमान यात्राओं को लेकर लोगों के विचार जाने। जिसमें सामने आया कि 50 फीसद भारतीय प्रभावित देशों से विमान सेवाओं पर फिलहाल रोक चाहते हैं। सर्वे को देश के 202 जिलों के के करीब सात हजार लोगों पर किया गया।
अनिवार्य क्वारंटाइन हो
सर्वे में 41 फीसद लोगों ने माना किप्रभावित देशों जैसे ब्रिटेन, दक्षिणअफ्रीका, नीदरलैंड्स, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया से आने वाले यात्रियों को 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटाइन पर भेजा जाना चाहिए। जबकि 50 फीसद ने प्रभावित देशों से विमान सेवाओं पर रोक लगाने की बात कही है। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार ने पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय विमानों के संचालन की अनुमति नहीं दी है। देश ने 23 देशों के साथ कोविड-19 के दौर में विमान सेवाओं का संचालन शुरू किया है।