नई दिल्ली। दिल्ली में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के बीच प्रदर्शनकारी संगठन अब आपस में ही सिर-फुटव्वल पर उतर आए हैं। ‘भारतीय किसान यूनियन (BKU) के भानु गुट के नेताओं में तकरार की खबर है। प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप ने किसान नेता व संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह की बात मानने से साफ़ इनकार कर दिया। प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए बिना ये आंदोलन किसी भी हाल में ख़त्म नहीं किया जाएगा।
इसके बाद वो चिल्ला सीमा पर धरने पर बैठ गए। असल में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए BKU (भानु) गुट से बातचीत की। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने नोएडा के सेक्टर-14ए का वो रास्ता शनिवार (दिसंबर 12, 2020) को खोल दिया था, जो पिछले 12 दिनों से बंद कर रखा गया था। हालाँकि, प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप ने बात नहीं मानी और धरने पर बैठ गए।
फ़िलहाल ये ‘किसान आंदोलन’ अपने 18वें दिन में प्रवेश कर गया है और राजस्थान से भी किसानों को उकसा कर दिल्ली लाए जाने की तैयारी चल रही है। उधर पंजाब में DIG (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रदेश के किसानों के परेशान होने की बात करते हुए कहा कि वो इन आंदोलन का हिस्सा बन कर दिल्ली जाकर इस लड़ाई का हिस्सा बनना चाहते हैं, क्योंकि वो एक ‘किसान के बेटे’ हैं।
Delhi: Protesters opened the Chilla (Delhi-UP) border for traffic movement last night; visuals of vehicles from the area. pic.twitter.com/VmhGXdHsgM
— ANI (@ANI) December 13, 2020
वहीं ‘किसान आंदोलन’ में देश विरोधी ताकतों के घुसने के आरोपों पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि ख़ुफ़िया एजेंसियों को उन्हें पकड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर प्रतिबंधित संगठनों के लोग उनके बीच घूम रहे हैं तो उन्हें जेल में डालना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि उन लोगों को ऐसा कोई नहीं मिला, अगर दिखेगा तो निकाल बाहर करेंगे।
इधर 29 किसानों के एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि अगर केंद्र इन तीनों कृषि कानूनों पर अपने कदम वापस खींचती है तो वो सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर हो जाएँगे। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (मान) के गुणी प्रकाश कर रहे थे, जो हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं और राज्य में इस संगठन का नेतृत्व करते हैं। इन्होंने मिल कर केंद्रीय कृषि मंत्री को ‘समर्थन पत्र’ भी सौंपा। साथ ही कहा कि सितम्बर में पास किए गए इन कानूनों को लेकर सरकार आगे बढ़े।