नई दिल्ली। विश्व भर में आज यानी 9 दिसम्बर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जा रहा है। यह भी महज एक संयोग है कि कॉन्ग्रेस आज खालिस्तानी आतंकियों की कमर तोड़ देने वाली इंदिरा गाँधी की बहु यानी सोनिया गाँधी का जन्मदिवस मना रही है और वो भी सोनिया गाँधी की लाख मनाही के बावजूद।
मगर सोनिया गाँधी और उनके पुत्र राहुल गाँधी की इच्छा के विपरीत कॉन्ग्रेस में अक्सर बहुत से काम होते आए हैं। मसलन, हर बड़े-छोटे चुनाव में हार के बाद दोनों, माँ-बेटे कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पदों से इस्तीफा पेश करते हैं और पार्टी कार्यकर्ता उनकी इच्छा के विरुद्ध उन्हें जबरदस्ती कुर्सी वापस सौंप देते हैं। यह कॉन्ग्रेस की परम्परा है।
सोनिया गाँधी की पार्टी अक्सर यह साबित करने का प्रयास करती आई है कि वह भी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से पेश आती रही है और इसमें वह ‘जीरो टोलेरेंस’ की नीति का ही पालन करती है। हालाँकि, कॉन्ग्रेस का यह दावा अपने आप में ही इस पार्टी के भ्रष्टाचार के खिलाफ होने की पहली गवाही दी है। आज कॉन्ग्रेस एक बार फिर खुदको भ्रष्टाचार के खिलाफ बताती नजर आई।
सोनिया गाँधी के जन्मदिन और भ्रष्टाचार विरोधी दिवस जैसे ‘विरोधाभासी अवसर’ पर सोशल मीडिया यूजर्स ने कॉन्ग्रेस को उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ होने का इतिहास याद दिलाने की जिम्मेदारी ली है।
ट्विटर यूजर निरुपम ने एक ऐसी लिस्ट ट्वीट की है, जिसमें कॉन्ग्रेस/यूपीए पर लगे तमाम तरह के भ्रष्टाचारों का विवरण दिया गया है।
इसमें अल्फाबेट्स के हिसाब से आदर्श घोटाला, कोल स्कैम, कॉमनवेल्थ स्कैम, बोफ़ोर्स घोटाला, एंट्रिक्स-देवास सौदा, रोजगार गारंटी स्कीम, चारा घोटाला, गाजियाबाद प्रोविडेंट फंड स्कैम, हर्षद मेहता स्टॉक मार्किट स्कैम, आईपीएल स्कैम, जूनियर टीचर्स भर्ती स्कैम, केतन पारेख स्कैम, एलआईसी हाउसिंग स्कैम, खनन स्कैम, एनबीएफसी स्कैम, ओरियंटल बैंक स्कैम, पंजाब एससीएईआरटी स्कैम तक का जिक्र है।
मल्लिकार्जुन नाम के एक ट्विटर यूजर का कहना है कि जर्मन नाज़ी सेना को अपने आप को ठीक उसी तरह से शान्ति का नोबल पुरूस्कार दे देना चाहिए, जिस तरह से कॉन्ग्रेस खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ होने का अवार्ड देती है।
यहाँ पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने पिछले सत्तर वर्षों में अपने शासन के दौरान ऐसे कई ऐतिहासिक घोटालों को होने दिया, जिससे सरकारी खजाने को कई लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। 2004 से 2014 तक कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने स्वतंत्र भारत के इतिहास के कुछ सबसे बड़े भ्रष्टाचार और घोटालों को अंजाम दिया और इस दौरान पार्टी का नेतृत्व खुद सोनिया गाँधी करती रही। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर लोग आज के दिन को एक हास्यास्पद संयोग बता रहे हैं।
पार्टी ने अपने सहयोगियों के साथ जीप घोटाला, 2 जी घोटाला, बोफोर्स, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला, स्कॉर्पीन पनडुब्बी घोटाला, महाराष्ट्र सिंचाई, कोयला घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले सहित कई घोटालों को अंजाम दिया।
इससे पहले मंगलवार को, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने देश के किसानों के प्रति अपनी स्व-घोषित अद्वितीय श्रद्धा का प्रदर्शन करते हुए ‘महान बलिदान’ करने का फैसला किया था।
अंतरिम पार्टी अध्यक्ष ने घोषणा की थी कि वह 9 दिसंबर को अपने जन्मदिन को हाल ही में पास किए गए फ़ार्म बिल के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर नहीं मनाएगी। यह दीगर बात है कि सोनिया गाँधी फिलहाल गोवा में छुट्टियाँ मना रही हैं।