कुशीनगर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के गुरमिया गांव में मंगलवार की रात गुपचुप कराया जा रहा निकाह में छापा मारकर पुलिस ने मौलवी समेत दो लोगों को हिरासत में ले लिया। पुलिस को इस मामले में लव जिहाद की आशंका है।
पुलिस के अनुसार छापामारी के दौरान लड़का-लड़की मौके से फरार हो गए और दोनों बाहर के बताए जा रहे हैं। पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है। कसया के एसओ रामबिलास यादव ने बताया कि देर शाम किसी मुखबिर ने उन्हें सूचना दी थी कि गुरमिया गांव में बाहर से अलग-अलग संप्रदाय के लड़का-लड़की को बुलाकर गांव के अरमान नामक युवक के घर में चुपके से निकाह कराया जा रहा है। सब कुछ बेहद गोपनीय तरीके से हो रहा था।
एसओ ने घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। अधिकारियों ने तत्काल छापामारी करने का निर्देश दिया। फोर्स के साथ रात करीब आठ बजे छापा मारा गया लेकिन पुलिस के पहुंचते ही लड़का-लड़की मौके से फरार हो गए। जिस घर में शादी थी उसमें एक मौलवी और इमरान नाम का लड़का मिला। दोनों को पकड़ कर पुलिस थाने ले गई। एसओ ने बताया कि पकड़े गए दोनों से पूछताछ चल रही है। सच्चाई जल्द सामने आ जाएगी।
क्या है लव जिहाद, कितनी हो सकती है सजा
यूपी में लव जिहाद पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ लाई है। पिछले 28 नवम्बर को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद इसे प्रदेश में लागू कर दिया गया है।
अध्यादेश के मुताबिक अगर कोई जबरन, मिथ्या, बलपूर्वक, प्रलोभन और उत्पीड़ित कर धर्मपरिवर्तन कराता है तो यह अपराध गैरजमानती होगा। ऐसे स्थिति में प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के न्यायालय में सुनवाई की जाएगी। सिर्फ शादी के लिए अगर लड़की का धर्म बदला गया तो न केवल ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को दस साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। अध्यादेश के अनुसार आरोपी को बेगुनाही का सबूत देना होगा कि उसने अवैध या जबरन तरीके से धर्म परिवर्तन नहीं कराया है, धर्म परिवर्तन लड़की को उत्पीड़न करके नहीं किया गया, इसे साबित करने का जिम्मा आरोपी व्यक्ति पर ही होगी।
विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में सरकार ला सकती है बिल
इस अध्यादेश को विधानमंडल के दोनों सदनों से 6 महीने के अंदर पास करना होगा। माना जा रहा है कि विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित बिल योगी सरकार द्वारा पेश किया जा सकता है। यह प्रस्तावित बिल विधानसभा और विधानपरिषद से पास होने के बाद फिर राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। सदन में इस बिल पर हंगामा होना तय माना जा रहा है। सदन के पटल पर विपक्ष सवाल कर सकता है कि कौन सी आपात स्थिति थी कि लव जिहाद को लेकर अध्यादेश लाना पड़ा।