‘अरुणाचल भारत का हिस्सा नहीं, J&K चीन में है’: चीनी मोबाइल कम्पनी Xiaomi से भारत की जनता ने माँगा जवाब

चीन ने अब भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए और अपनी साम्राज्यवादी नीति के लिए डिजिटल माध्यमों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। अब नया मामला शाओमी (Xiaomi) मोबाइल फोन कम्पनी से जुड़ा है, जिसका मौसम का हाल बताने वाला एप्लीकेशन अरुणाचल प्रदेश के मौसम के बारे में जानकारी नहीं देता है। जब इस पर अरुणाचल की राजधानी ‘ईटानगर’ टाइप किया जाता है, तब कोई परिणाम नहीं आता है।

इंजीनियर गौरव चौधरी ने इस बारे में स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए शाओमी (Xiaomi) से जवाब माँगा। इसी तरह रक्षा विशेषज्ञ नितिन गोयनका ने ‘हॉल ऑफ फेम, लेह’ को शाओमी के एप्लीकेशन में लाइव ब्रॉडकास्ट लोकेशन के रूप में डालने के लिए कहा। ऐसा टाइप करने पर शाओमी बताता है, “जम्मू एंड कश्मीर, पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना“। गोयनका ने दोबारा इसे डाल कर देखा लेकिन फिर भी वही आया।

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से हमें न सिर्फ शाओमी (Xiaomi) से जवाब माँगना चाहिए, बल्कि भारत सरकार को भी इस मामले से अवगत कराना चाहिए। इसके साथ ही ट्विटर पर ‘शाओमी जवाब दो’ ट्रेंड होने लगा, जिसमें लोगों ने कम्पनी से इस मामले में जवाब माँगा। शाओमी अब ‘मेड इन इंडिया’ फोन्स बनाने का दावा तो करता है लेकिन लगता है कि पॉलिसी वो चीन की ही चला रहा है।

वहीं लोगों ने जब नोकिया व अन्य नॉन-चीन कम्पनी के फोन्स में अरुणाचल प्रदेश के शहरों के मौसम का हाल शेयर किया, तब सब कुछ ठीक-ठीक बताया जा रहा था। वहीं जब इसी चीज को चीनी कम्पनी ‘ऑनर’ कम्पनी के फोन में चेक किया था, तब इसमें भी शाओमी (Xiaomi) की तरह ही परिणाम आए। कई लोगों ने अपने-अपने फोन्स पर चेक किया, जिसके बाद स्क्रीनशॉट्स डाल कर शाओमी से जवाब माँगा।

वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता ने पूछा कि शाओमी (Xiaomi) जम्मू कश्मीर को चीन का भाग क्यों दिखा रहा है? क्या वो भारतीय क़ानून का सम्मान नहीं करता? उन्होंने कहा कि शाओमी ने अपने एप्लीकेशन में तो भारत के भूगोल को ही अपने हिसाब से बदल दिया है। उन्होंने पूछा कि अगर ये भारतीय क़ानून का उल्लंघन नहीं है तो क्या है? अरुणाचल प्रदेश के शहरों के मौसम के बारे में नहीं बताने और जम्मू कश्मीर को चीन का भाग बताने के बाद शाओमी (Xiaomi) के खिलाफ सोशल मीडिया में कई ट्रेंड्स चल रहे हैं।

हाल ही में चीन ने कहा था कि भारत ने लद्दाख को गैरकानूनी रूप से संघशासित प्रदेश घोषित किया है। साथ ही चीन द्वारा लद्दाख में इन 44 स्ट्रैटजिक रूप से महत्वपूर्ण पुलों को लेकर विरोध भी दर्ज कराया गया था। चीन की खिसियाहट का प्रमुख कारण यह है कि भारत ने ऐसे पुल तैयार कर लिए हैं, जिससे सीमा पर चीन को धूल चटाने के लिए पुख्ता इंतजाम और आसानी से किए जा सकेंगे। इसीलिए, वो लगातार इस मामले पर बोलता रहा है।