एक दुखी परिवार बलरामपुर में भी है, हाथरस पॉलिटिक्स से फुर्सत मिले तो उनकी भी सुध ले लीजिए राहुल जी

शाहजहाँपुर/लखनऊ। कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने शनिवार (अक्टूबर 3, 2020) को ट्वीट किया कि दुनिया की कोई भी ताक़त उन्हें हाथरस के ‘इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बाँटने’ से नहीं रोक सकती। राहुल गाँधी एक बार हाथरस जाने की कोशिश कर चुके हैं और अब वो दूसरी बार वहाँ जाने वाले हैं। लेकिन, राजस्थान तो दूर की बात, यूपी में ही स्थित बलरामपुर में भी एक पीड़ित परिवार है, जिसकी उन्होंने सुध तक न ली।

हाथरस वाली घटना के एक सप्ताह के भीतर यूपी के बलरामपुर जिले में दो युवकों– शाहिद पुत्र हबीबुल्ला निवासी गैंसड़ी और साहिल पुत्र हमीदुल्ला निवासी गैंसड़ी द्वारा सामूहिक बलात्कार की घटना सामने आई। दोस्ती के बहाने घर ले जाकर दोनों आरोपितों ने लड़की सामूहिक दुष्कर्म किया और गंभीर हालत में एक रिक्शे पर बैठाकर घर भेज दिया। 22 वर्षीय पीड़िता युवती की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।

वहाँ भी पीड़िता दलित है। वो भी उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा है, जहाँ योगी आदित्यनाथ की ही सरकार है। लेकिन, राहुल गाँधी ने शायद सिर्फ एक वजह से बलरामपुर के पीड़ित परिवार की सुध नहीं ली है, क्योंकि वहाँ आरोपितों के नाम शाहिद और साहिल हैं। यहाँ उन्हें ‘वर्ग विशेष’ कह कर किसी हिन्दू जाति को निशाना बनाने का मौका नहीं मिलेगा। वहीं हाथरस में पूरा मीडिया जुटा हुआ है, कैमरा है और ड्रामा का स्कोप भी- इसलिए राहुल वहाँ जाने की जिद कर रहे हैं।

हाथरस जाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी 132 किलोमीटर पैदल चलने के लिए निकल गए, जबकि उन्हें भी पता है कि इतनी दूरी पैदल तय करने में कितना समय लगता है। रास्ते में उन्होंने गिरने का भी ‘नाटक’ किया, कई कार्यकर्ताओं ने पुलिस से संघर्ष किया, वो कैमरा अपनी तरफ लाते हुए कहते पाए गए और पुलिस के साथ बहस की। हाथरस पर राजनीतिक रोटी सेंकने की भरपूर कोशिश की।

हाथरस मामले में ही लीक हुआ एक ऑडियो इस मामले में चल रही राजनीति के बारे में काफी कुछ खुलासा करती है। ऑडियो टेप में किसी अज्ञात व्यक्ति को हाथरस मृतका के भाई संदीप से कहते हुए सुना जा सकता है कि वो वहीं पर रहें, प्रियंका गाँधी आने वाली हैं। साथ ही वो पीड़ित परिवार से ये भी कहता है कि वो पुलिस-प्रशासन के साथ किसी प्रकार का समझौता न करें, उनके कहने पर कहीं न जाएँ। प्रियंका गाँधी कुछ ही देर में पहुँचेंगी।

पीड़ित परिवार को भड़काया जाता है कि वो ये बोलें कि उनके सम्बन्धियों और परिचितों को उनसे मिलने नहीं आने दिया जा रहा है, साथ ही ये पूछें कि गाँव में इतनी कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था उनके लिए है या फिर ठाकुरों के लिए? साथ ही पीड़ित परिवार को कहा जा रहा है कि वो 50 लाख लेकर भी समझौता न करें और प्रियंका गाँधी के सामने कहें कि उनलोगों पर दबाव बनाया जा रहा है और वो इसका वीडियो बनाना चाहते हैं।

वहीं बलरामपुर वाले मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मृतका के शरीर पर 10 घाव के निशान मिले हैं। आरोपितों की गिरफ़्तारी भी हुई है और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करने के बाद बताया कि कैसे, क्या हुआ। लेकिन, राहुल गाँधी ने उस पीड़ित परिवार की सुध तक न ली। मुख्य धारा की मीडिया का भी रवैया ऐसा है ही।

राजस्थान में कॉन्ग्रेस की सरकार है और बलात्कार के नित नए मामले सामने आ रहे हैं। बाँसवाड़ा में जहाँ एक लड़की की नग्न लाश हॉस्पिटल में मिली है, वहीं सिरोही में महज 6 साल की मासूम के साथ दरिंदगी की हदें पार की गईं। जयपुर में एक महिला से होटल में ही गैंगरेप किया गया। अजमेर में एक महिला को बंधक बना कर उसके साथ बलात्कार किया गया। जाहिर है, राहुल गाँधी बलरामपुर की तरह इन पीड़ित परिवारों की भी सुध नहीं लेंगे।

उधर सपा के मुखिया अखिलेश यादव भी लंदन से दिल्ली पहुँचने वाले हैं, जिसके बाद वे हाथरस जाएँगे। उन्होंने योगी सरकार से माँग की है कि वो डीएम और असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाए। बता दें कि इस मामले एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर सहित कई अधिकारियों को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है।