बलरामपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या पर व्यापक आक्रोश के बीच, अनुसूचित जाति की ही एक और युवती के साथ राज्य के बलरामपुर (Balrampur) जिले में दो युवकों – शाहिद पुत्र हबीबुल्ला निवासी गैंसड़ी और साहिल पुत्र हमीदुल्ला निवासी गैंसड़ी द्वारा सामूहिक बलात्कार की घटना सामने आई है।
आरोप है कि दोस्ती के बहाने घर ले जाकर दोनों आरोपितों ने लड़की सामूहिक दुष्कर्म किया और गंभीर हालत में एक रिक्शे पर बैठाकर घर भेज दिया। 22 वर्षीय पीड़िता युवती की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। चार डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम के बाद बुधवार (सितम्बर 30, 2020) रात को ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उक्त प्रकरण में पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है ,हाथ पैर व कमर तोड़ने वाली बात सही नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। @Uppolice @AdgGkr @dgpup @PrashantK_IPS90 https://t.co/7dr2XRf2UH pic.twitter.com/KLqCxT4jnN
— BALRAMPUR POLICE (@balrampurpolice) September 30, 2020
रिपोर्ट्स के अनुसार, बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने कहा कि घटना जिले के गैंसड़ी बाजार इलाके की है, जहाँ एक निजी फर्म में काम करने वाली एक 22 वर्षीय दलित युवती मंगलवार (सितम्बर 29, 2020) की शाम घर न लौटने से उसके उसके माता-पिता उसकी तलाश करने लगे।
छात्रा की माँ का कहना है कि उनकी बेटी विमला विक्रम महाविद्यालय पचपेड़वा में बीकॉम में प्रवेश लेने के लिए सुबह दस बजे निकली थी। पुलिस ने कहा कि युवती के माता-पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने जब अपने मोबाइल फोन पर कॉल का जवाब नहीं दिया, तो उनके परिवार के सदस्यों में दहशत फैल गई।
देर शाम जब लड़की रिक्शा से घर लौटी तो उसके हाथ में ग्लूकोज ड्रिप लगी हुई थी और उसकी हालत ठीक नहीं थी। पुलिस अधीक्षक रंजन वर्मा के अनुसार, परिवार के सदस्यों ने कहा कि लड़की की हालत ठीक नहीं थी, इसलिए वे उसे पास के अस्पताल ले गए और बाद में बलरामपुर जिला अस्पताल ले गए जहाँ उसने दम तोड़ दिया।
स्थानीय डॉक्टर ने किया खुलासा
रिपोर्ट के अनुसार, बाजार स्थित निजी क्लीनिक के चिकित्सक डॉ जियाउर्रहमान ने बताया कि दुकानदार शाहिद का भतीजा साहिल घटना के दिन, मंगलवार (सितम्बर 29, 2020) की शाम करीब पाँच बजे उन्हें अपने घर इलाज करने के लिए बुलाकर ले गया था। वहाँ पहुँचने पर उन्होंने देखा कि युवती पेट दर्द के इलाज के लिए दवा माँग रही थी और वह सोफे पर लेटी हुई थी।
डॉ जियाउर्रहमान ने कहा कि घर में किसी महिला सदस्य के न होने पर दवा देने से मना कर वो बाहर निकल आए और आस-पास वालों को बुलाकर युवती के घर वालों को सूचना देने की बात कहकर वह वापस अपने क्लीनिक चले गए। उन्होंने कहा कि युवती को वहाँ कौन लेकर आया था उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है।
पुलिस ने फ्रैक्चर की बातों से इंकार किया
जब अस्पताल से पुलिस को इस मामले की सूचना दी गई, तो माता-पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। हालाँकि, परिवार के सदस्यों का कहना है कि लड़की के हाथ और पैर फ्रैक्चर हो रखे थे, जबकि पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसी किसी चोट की पुष्टि नहीं हुई।
मृतका युवती की माँ का कहना है कि घर लौटते वक्त उनकी बेटी के साथ बाजार स्थित मकान में ले जाकर दरिंदगी की गई। मृतका के भाई ने तहरीर में कहा है कि उसकी बहन मंगलवार सुबह दस बजे घर से निकली थी और जब रिक्शा से देर शाम घर पहुँची तो वह कुछ बोल पाने में भी असमर्थ थी। उसके कमर के नीचे का हिस्सा काम नहीं कर रहा था।
डॉ जियाउर्रहमान के बयान के आधार पर ही पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने बताया कि पीड़िता के भाई की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई और दोनों आरोपितों – शाहिद व साहिल को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376-D में आरोप दर्ज किया गया है और आगे की जाँच जारी है। एसपी ने कहा कि मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जाएगा और आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।