नई दिल्ली। हाथरस गैंगरेप पीड़िता के भाई ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आजतक से बातचीत करते हुए पीड़िता के भाई ने राज्य की बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पुलिस ने दीदी के लिए एंबुलेंस भी नहीं मंगाई थी. बहन जमीन पर लेटी हुई थी. पुलिसवालों ने कह दिया था कि इन्हें यहां से ले जाओ. ये बहाने बनाकर लेटी हुई है.
पीड़िता के परिजन दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में धरने पर बैठे थे. पुलिस यहां से भी उन्हें अपने साथ ले गई. परिजन सफदरजंग हॉस्पिटल पर भी आरोप लगा रहे हैं. पीड़िता के भाई ने कहा कि पोस्टमॉर्टम हो चुका है, लेकिन शव हमें नहीं सौंपा गया है. हमें कोई रिपोर्ट भी नहीं दी गई है.
उन्होंने कहा कि FIR के लिए हमें 8-10 दिन तक इंतजार करना पड़ा था. रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस एक आरोपी को पकड़ती थी और दूसरे को छोड़ देती थी. धरना-प्रदर्शन के बाद आगे की कार्रवाई हुई और आरोपियों को घटना के 10-12 दिन बाद पकड़ा गया.
पीड़िता के भाई ने कहा कि पुलिसवालों ने एंबुलेंस नहीं मंगाई. बहन जमीन पर लेटी हुई थी. पुलिसवालों ने कह दिया था कि इन्हें यहां से ले जाओ. ये बहाने बनाकर लेटी हुई है.
पीड़िता के भाई ने कहा कि 10 से 15 दिन तक तो दीदी की ब्लीडिंग रुकी तक नहीं थी. 22 सितंबर के बाद उन्हें अच्छा इलाज मिलना शुरू हुआ. उनके साथ लापरवाही बरती गई. उन्हें ठीक से इलाज नहीं दिया गया.
पीड़िता के भाई कहते हैं कि उनको (पीड़िता) नॉर्मल वार्ड में रखा गया था. हमें यूपी सरकार से इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं है. बीजेपी सरकार घटना पर कुछ भी नहीं बोली है. न ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुछ बोला है. परिजनों का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए. आरोपियों को फांसी की सजा हो.
अलीगढ़ के डॉक्टर ने क्या कहा
पीड़िता अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से ही दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर की गई थी. आजतक से बातचीत में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के डॉ एमएफ हुड्डा ने बताया कि पीड़िता को 14 सितंबर की रात को हमारे अस्पताल लाया गया था. उनके शरीर पर काफी चोट थी. उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी, जिसके परिणामस्वरूप पूरे शरीर को लकवा मार गया था. डॉ एमएफ हुड्डा ने कहा कि पीड़िता बेहोश थीं. वह आईसीयू में वेंटिलेटर पर थीं. हम उन्हें हर संभव उपचार दे रहे थे.