नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के डॉ एमएफ हुड्डा ने हाथरस गैंगरेप पर बयान दिया है. पीड़िता अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से ही दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर की गई थी. आजतक से बातचीत में डॉ हुड्डा ने बताया कि पीड़िता को 14 सितंबर की रात को हमारे अस्पताल लाया गया था. उनके शरीर पर काफी चोट थी. उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी, जिसके परिणामस्वरूप पूरे शरीर को लकवा मार गया था.
डॉ एमएफ हुड्डा ने कहा कि पीड़िता बेहोश थीं. वह आईसीयू में वेंटिलेटर पर थीं. हम उन्हें हर संभव उपचार दे रहे थे. परिवार को सफदरजंग स्थानांतरित करने का विकल्प दिया गया था. वे शुरू में शिफ्ट नहीं करना चाहते थे, लेकिन 10 दिनों के बाद वे अपनी बेटी को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए तैयार हुए.
डॉ एमएफ हुड्डा ने कहा कि फॉरेंसिक टीम भी शामिल थी. वे इस बात को स्पष्ट करने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे कि उन्होंने पीड़िता के शरीर पर कौन से सबूत पाए जिससे साबित हुआ कि उनका रेप हुआ. डॉ एमएफ हुड्डा ने बताया कि पीड़िता की जीभ नहीं काटी गई थी. उनकी जीभ पर कुछ चोट थी. हो सकता है वो पहले की हो. पीड़िता बोलने में सक्षम थी.
डॉ एमएफ हुड्डा आगे बताते हैं कि 22 सितंबर को पीड़िता अपना बयान देने के लिए थोड़ी बेहतर स्थिति में थी. उस दिन मजिस्ट्रेट आए और पीड़िता ने अपना बयान दिया. डॉ हुड्डा ने कहा कि मौत की वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही मालूम पड़ेगी.
14 सितंबर की सुबह लड़की अपनी मां के साथ पशुओं का चारा लेने खेतों पर गई थी. तभी गांव के कुछ युवक आए और उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. इस दौरान लड़की ने अपने आप को बचाने की पूरी कोशिश की. उनके चिल्लाने की आवाज सुनकर खेत में काम कर रही मां आ पहुंची और चारों युवक भाग निकले.
लड़की की मां ने आसपास के लोगों से मदद मांगी और लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया और पुलिस को सूचना दी. लड़की ने अपने बयान में बताया कि गैंगरेप के बाद उसकी हत्या का प्रयास किया गया. मेडिकल जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि लड़की की गर्दन को बेदर्दी से मरोड़ा गया था. जिसकी वजह से सर्वाइकल स्पाइन इंजरी हो गई. लड़की की हालत गंभीर होते देख उन्हें सफदरजंग अस्पताल लाया गया, जहां आज सुबह उनकी मौत हो गई.