नई दिल्ली। दिल्ली में इसी साल फरवरी महीने में हुई हिंसा के दौरान सैकड़ों लोगों ने एक तरफ जहां अपने को खोया, वहीं इस हिंसा से कई परिवारों का लाखों का नुकसान हो गया, ऐसे में केजरीवाल सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया था, लेकिन मुआवजे की राशि पाकर पीड़ित खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि रेस्टोरेंट जलने पर हुए तीन लाख के नुकसान पर पीड़ित को सिर्फ 750 रुपये का मुआवजा मिला है।
रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में उस्मान अली नाम के शख्स का एक रेस्टोरेंट था, जो कि उत्तर पूर्वी हिंसा की बलि चढ गया, उस्मान के मुताबिक उनके छोटे से रेस्टोरेंट में ना सिर्फ तोड़-फोड़ की गई बल्कि लूटपाट की घटना को भी अंजाम दिया गया, ऐसे में राज्य सरकार से तीन लाख रुपये के नुकसान का मुआवजा मांगने पर सरकार ने उन्हें सिर्फ 750 रुपये दिये हैं, रिपोर्ट्स की मानें तो ये कोई एक मामला नहीं है, बल्कि ऐसे तमाम मामले हैं, जिनमें पीड़ित मुआवजे के नाम पर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
वहीं विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की, फरवरी में हुई हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका के अलावा घटना की जांच के संबंध में अपनी चिंताएं प्रकट की, एक संयुक्त ज्ञापन में नेताओं ने दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही हिंसा की जांच को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की।
दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा की जांच के लिये एसआईटी बनायी है, स्पेशल सेल भी दिल्ली हिंसा के पीछे की साजिश के पहलुओं की जांच कर रही है, दंगों में 53 लोगों की मौत हो गयी थी, ज्ञापन में कहा गया कि हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस की भूमिका और जिस तरह से पुलिस सीएए, एनआरसी, एनपीआर विरोधी मुहिम में हिस्सा लेने वाले कार्यकर्ताओं और युवाओं को फर्जी तरीके से फंसाने तथा उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रही है।