नई दिल्ली। कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह अभी खत्म नहीं हुई है। कपिल सिब्बल के आज किए गए ट्वीट ने कई तरह की अटकलों को हवा दे दी है। इससे पहले कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) में सोनिया गांधी को फिर से अंतरिम अध्यक्ष चुने जाने के बाद सोमवार को कपिल सिब्बल, शशि थरूर सहित कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने गुलाम नबी आजादी के आवास पर बैठक की। ये वही नेता है, जिन्होंने संगठन में बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी।
कपिल सिब्बल के ट्वीट पर कयासबाजियों का दौर शुरू हो गया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘यह किसी पद की बात नहीं है। यह मेरे देश की बात है, जो सबसे ज्यादा जरूरी है।’
राहुल या प्रियंका गांधी को होना चाहिए अध्यक्ष
दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री का कहना है कि कांग्रेस का नेतृत्व अगर गांधी परिवार के हाथ में नहीं रहेगा तो पार्टी जीवित नहीं रहेगी, पार्टी को बचाये रखने के लिए अध्यक्ष गांधी परिवार में से ही होना चाहिए। अगर सोनिया जी अध्यक्ष नहीं रहना चाहती है तो राहुल या प्रियंका गांधी को अध्यक्ष होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जैसे सोनिया गांधी और राहुल गांधी पार्टी नेताओं से मिलना शुरू करते हैं, तो 50 फीसद समस्या हल हो जाएगी।
करीब छह घंटे तक चली सीडब्ल्यूसी की बैठक में सर्वसम्मति से सोनिया के इस्तीफे की पेशकश को ठुकराते हुए उनके अध्यक्ष बने रहने पर मुहर लगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया।
भाजपा से सांठगांठ का आरोप
राहुल ने चिट्ठी लिखने वाले वरिष्ठ नेताओं पर भाजपा से सांठगांठ का आरोप जड़ दिया। प्रतिक्रिया में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने आरोप साबित होने पर इस्तीफे तक की पेशकश कर दी। हालांकि, बाद में राहुल ने हर किसी को फोन कर सफाई दी कि उनका आरोप उन लोगों के लिए था, जो कांग्रेस के हितों की अनदेखी कर रहे हैं।