लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के बीच सुरक्षा लिहाज से किसी भी प्रकार के सार्वजनिक समारोह, धार्मिक उत्सव, राजनैतिक आंदोलन व सभाएँ आयोजित करने पर एक बार फिर बैन लगा दिया है। ये प्रतिबंध 30 सितंबर तक प्रदेश में लागू रहेगा।
उल्लेखनीय है कि 29 अगस्त को मोहर्रम मनाया जाना है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इस बारे में आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि सभी प्रकार के जुलूस एवं झाँकी पर भी प्रतिबंध रहेगा।
बता दें कि यह रोक इसलिए भी लगाई गई है क्योंकि ऐसी आशंका है कि असामाजिक तत्वों द्वारा कानून-व्यवस्था एवं सांप्रदायिक सौहार्द को भंग करने का प्रयास किया जा सकता है। हालाँकि अपने-अपने घरों में मूर्तियाँ, ताजिया एवं अलम की स्थापना पर किसी प्रकार की रोक नहीं होगी।
सभी जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तानों के अलावा पुलिस कमिश्नरों, एडीजी जोन तथा आईजी-डीआईजी रेंज को इस संबंध में सूचित किया गया है। इस आदेश के अनुसार सभी अधिकारियों से प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों विशेषकर श्रीकृष्णजन्मभूमि (मथुरा), श्रीराजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (अयोध्या), श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी) तथा ऐतिहासिक स्थल ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता करने को कहा गया है। इसके अलावा असामाजिक तत्वों, आतंकवादियों एवं समाज में अस्थिरता फैलाने वाले व्यक्तियों पर भी सतर्क नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा था कि सरकार ने उनकी माँगे मान ली हैं। अब मोहर्रम के दौरान ताजिया को घर में रखा जाएगा और मजलिसों का आयोजन सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
धरना खत्म करने से पहले मौलाना कल्बे जवाद का आरोप था कि यूपी के कई हिस्सों में प्रशासन अकीदतमंदों को अजादारी करने और ताजिया रखने से रोक रहा है। यहाँ तक की मुकदमा तक दर्ज किया जा रहा है। मौलाना ने कहा था कि सरकार ने ताजिया रखने और घरों में मजलिस करने की इजाजत नहीं दी तो धरना जारी रहेगा।