पत्रकार की गोली मार कर हत्या: UP पुलिस ने गिरफ्तार किए 6 आरोपित, SHO सस्पेंड, आपसी रंजिश का मामला

बलिया/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के फेफना थाना क्षेत्र में सोमवार (अगस्त 24, 2020) की देर शाम आपसी रंजिश और जमीन विवाद के कारण रतन सिंह नाम के व्यक्ति (42) को गोली मार दी गई। रतन सिंह पेशे से पत्रकार थे और एक हिंदी न्यूज चैनल में काम करते थे।

घटना को उस समय (करीब 8:45 बजे) अंजाम दिया गया, जब वह अपने मित्र के घर से लौट रहे थे। बदमाशों को देखकर उन्होंने प्रधान के घर में जाकर अपनी जान बचाने का भी प्रयास किया। लेकिन बदमाशों ने तब भी दौड़कर उनके सिर में गोली मार दी, जिसके कारण मौके पर ही पत्रकार रतन सिंह ने दम तोड़ दिया।

घटना के बाद बलिया पुलिस ने फेफना के प्रभारी निरीक्षक शशिमौलि पांडेय को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा इस मामले में 10 नामजद आरोपितों में से 6 आरोपितों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इनमें से चार की पहचान दिनेश सिंह, अरविंद सिंह, सुनील सिंह और मोती सिंह के रूप में हुई है।

उधर, प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए परिवार के साथ अपनी संवेदनाएँ प्रकट की हैं। उन्होंने रतन लाल के परिवार को 10 लाख रुपए देकर मदद करने की घोषणा की है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि हर मुमकिन कार्रवाई आरोपितों के ख़िलाफ़ की जाए।

जानकारी के मुताबिक, सारा मामला पिछले साल 26 दिसंबर को शुरू हुआ था, जब दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी। पुलिस का कहना है कि लड़ाई के बाद दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन रतन सिंह पर मुकदमा दर्ज मुकदमा गलत पाया गया था।

वहीं, रतन सिंह की हत्या में 5 अभियुक्त उन्हीं लोगों में से हैं, जिनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज हुई थी। इसलिए इस मामले में प्रभावी कार्रवाई न करने पर प्रभारी निरिक्षक को निलंबित कर दिया गया है।

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, 2 साल पहले इनके भाई की भी हत्या हो चुकी है। परिजनों का दावा है कि उन्होंने इससे पहले 10 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाई थी।

गौरतलब है कि इससे पहले यूपी के गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी हत्याकांड हुआ था। जहाँ देर रात अपने घर लौट रहे पत्रकार को गोली मारी गई थी। पुलिस ने इस मामले में 9 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। जिनमें तीन मुख्य आरोपित थे और 6 उनके साथी थे।

इस मामले में घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें दिख रहा था कि पहले तो पत्रकार के साथ मारपीट की गई, उसके बाद गोली मारी गई। इस मामले में भी लापरवाही के लिए सम्बंधित चौकी इंचार्ज को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था।