लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बलिया में एक पत्रकार की हत्या ने एक बार फिर राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक न्यूज चैनल के पत्रकार रतन सिंह को बदमाशों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. यूपी में बदमाशों की दबंगई की ये कोई एक घटना नहीं है, पिछले कुछ घंटों में राज्य के अलग-अलग इलाकों में कई ऐसी वारदात सामने आई हैं. आम आदमी से लेकर पत्रकार, नेता से लेकर सिपाही तक बदमाशों की गोली का निशाना बने हैं.
पश्चिमी यूपी के बागपत में एक युवक को उसके घर के बाहर ही गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया. ये घटना यहां के रमाला थाना क्षेत्र की है. किरठल गांव में राहुल नाम का युवक अपने घर के बाहर बैठा था, उसी वक्त गांव के दो युवक वहां आए और तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी. हमले में राहुल की मौत हो गई है और हमलावर फरार हो गए. पुलिस ने बताया है कि कुछ वक्त पहले ही पीड़ित और हमलावरों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके बाद अब इस वारदात को अंजाम दिया गया.
सोमवार की रात यूपी के आजमगढ़ में फायरिंग की एक वारदात हुई. यहां निजामाबाद थाना क्षेत्र के गांव नेवादा में एक बीडीसी सदस्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस का कहना है कि बीडीसी सदस्य सुरेंद्र यादव रात के वक्त अपने घर लौट रहे थे, इसी दौरान नेवादा चौक पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.
हमले के बाद आरोपी फरार हो गए लेकिन उनकी तीन मोटरसाइकिल जनता के हाथ लग गईं. लोगों ने तीनों मोटरसाइकिलों में आग लगा दी. घटना के बाद गांव में तनाव पैदा हो गया, जिसके मद्देनजर पीएसी तैनात करनी पड़ी. घटनास्थल पर पहुंचे आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद दुबे ने बताया कि हत्या के पीछे जमीनी और चुनावी रंजिश की जानकारी मिली है और जिन लोगों ने हमला किया है वो भी इसी गांव के ही रहने वाले हैं.
सिपाही को भी गोली मारी
आम लोगों से लेकर पत्रकार, नेता किसी भी बदमाश अपना निशाना बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं. सुल्तानपुर में तो एक सिपाही की ही गोली मारकर हत्या कर दी गई. सुल्तानपुर के सुनील यादव बाराबंकी जिले के आबकारी विभाग में सिपाही के पद पर तैनात थे, लेकिन वह छुट्टी पर घर आए हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार सुबह वह खेत से चारा लेकर घर लौट रहे थे, इसी दौरान घात लगाकर बैठे बदमाशों ने पीछे से गोली मार दी. अस्पताल पहुंचते-पहुंचते सिपाही की मौत हो गई.