भदोही। विधायक विजय मिश्र योगी आदित्यनाथ के पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव को भी ललकार चुके हैं। बसपा शासन में विजय मिश्र को मेरठ जेल में तन्हाई में रखा गया था। उस समय वह मायावती को चुनौती देकर सपा से ताल ठोंकी थी। जेल में बंद होने के बाद भी 35,000 से अधिक मतों से चुनाव जीत गए थे। टिकट कटने के बाद बड़ी संख्या में समर्थकों संग बैठक कर वह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी ललकारे थे।
भदोही उप चुनाव में बसपा की करारी हार के बाद विधायक विजय मिश्र पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निशाने पर आ गए थे। वर्ष 2009 में उनके ऊपर शिकंजा कस दिया गया और वह फरार हो गए। दिल्ली में समर्पण करने के बाद वह मेरठ जेल में रखे गए थे। वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव वह जेल में रह कर लड़े थे। चुनाव होने के बाद सपा की सरकार बनते ही वह नैनी जेल में पहुंच गए। बीच में जमानत होने पर रिहा हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की करीबी होने के कारण सपा शासन में उनकी तूती बोलती थी। विधानसभा चुनाव 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हे सपा का बाहर का रास्ता दिखाया तो वह उन्हें भी चुनौती देकर निषाद पार्टी से ताल ठोंक दी।
विधायक विजय मिश्र को जेल जाने के बाद अब उनके करीबियों और समर्थक पुलिस के निशाने पर हैं। गोपीगंज पुलिस करीबियों के घर रात में दबिश दे रही है। इससे उनके परिवार के लोग दहशत में हैं। परिजनों का कहना है कि पुलिस रात में दरवाजा खटखटा रही है और धमकी दे रही है। गोपीगंज कोतवाली में विधायक विजय मिश्र के रिश्तेदार कृष्णमोहन तिवारी ने भवन कब्जा, फर्म हड़पने और जबरिया चेक पर हस्ताक्षर कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले में विधायक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विधायक के समर्थन में बड़ी संख्या में समर्थक और वाहनों का काफिला शामिल हुआ था। पुलिस विधायक के करीबियों और समर्थकों को निशाना बना रही है। गोपीगंज पुलिस बिहरोजपुर गांव में पहुंचकर विधायक के चालक के घर दबिश दी थी। परिजनों का कहना है कि रात-रात पुलिस परेशान कर रही है। कार्रवाई के भय से अन्य समर्थक भी घर छोड़कर इधर-उधर ठिकाना खोज रहे हैं।