अयोध्या। करीब 500 साल के लंबे इंतजार के बाद 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के हाथों भूमि पूजन (Bhoomi Pujan) और राम मंदिर निर्माण (Ram Temple) के कार्य का शुभारंभ होना है. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए, साधु-संतों के साथ ही राम मंदिर आन्दोलन में शामिल व अन्य गणमान्य लोगों को निमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है. इस निमंत्रण पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही विशिष्ट अतिथि के तौर पर आरएसएस (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का भी नाम है. इसके अलावा गरिमामयी उपस्थिति के तौर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी नाम शामिल है. निवेदक के रूप में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का नाम लिखा है.
बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के कार्यक्रम के लिए करीब 300 लोगों को न्योता भेजा गया हैं. इसमें बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी का भी नाम शामिल है. हालांकि, कई आमंत्रित लोग कोरोना की वजह से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे. वहीं, उमा भारती ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि वह कोरोना की वजह से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी. हालांकि, वह अयोध्या में मौजूद रहेंगी. इसी तरह इस कार्यक्रम में आमंत्रित सभी लोगों को कोविड-19 टेस्ट करवाना होगा. रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही अयोध्या में एंट्री मिलेगी.
4 अगस्त तक सभी को पहुंचना होगा अयोध्या
अयोध्या में होने वाले भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी आमंत्रित लोगों को 4 अगस्त तक पहुंचना होगा, क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से अयोध्या की सभी सीमाएं मंगलवार शाम के बाद से बंद कर दी जाएंगी. उसके बाद किसी को भी अयोध्या में प्रवेश नहीं मिलेगा. 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के अयोध्या आगमन और राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम को देखते हुए पूरे जिले को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है. चप्पे-चप्पे पर निगरानी की जा रही है. इतना ही नहीं भूमि पूजन वाले दिन एक साथ पांच लोग इकट्ठे नहीं होंगे.