कॉन्ग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने कई बार भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का काम किया है। इसी क्रम में, कॉन्ग्रेस नेता केतकर ने भी एक चैनल पर अयोध्या और राम मंदिर भूमिपूजन को लेकर हो रही एक चर्चा के दौरान ऐसी ही एक अभद्र टिप्पणी की है।
कॉन्ग्रेस एमपी कुमार केतकर ने न केवल श्री राम के ऐतिहासिक अस्तित्व को नकारा बल्कि यह भी कहा कि हिंदू देवी-देवता साहित्य की रचना है।
कुमार केतकर ने भगवान श्री राम के अस्तित्व पर किया सवाल
लगभग 19 मिनट की चर्चा में, एंकर ने केतकर से पूछा कि क्या वह या कॉन्ग्रेस पार्टी अब भगवान राम के अस्तित्व में विश्वास करते हैं। अपनी अज्ञानता का प्रदर्शन करते हुए कॉन्ग्रेस नेता ने जवाब दिया, “रामायण की वजह से राम का अस्तित्व है। हालाँकि, इस निष्कर्ष पर पहुँचना अभी बाकी है कि राम इतिहास या साहित्य की रचना है या नहीं। वाल्मीकि ने एक महान महाकाव्य लिखा था और इसका प्रभाव भारत और विदेशों दोनों में महसूस किया गया था। लेकिन, मुझे नहीं पता कि वह इतिहास में मौजूद है या नहीं।”
भगवान राम के अस्तित्व पर केतकर के विचित्र रुख के बारे में सवाल किए जाने पर, उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा भगवान राम के बारे में पिछले महीने किए गए निराधार दावों के बारे में बताते हुए अपनी टिप्पणियों को सही ठहराने की कोशिश की।
बता दें, भानुभक्त की जयंती के उपलक्ष्य में हुए एक कार्यक्रम के दौरान, नेपाल के प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि भारत ने अपने यहाँ एक ‘नकली अयोध्या’ बनाई है। नेपाली पीएम के अनुसार, अयोध्या नेपाल में बीरगंज का एक गाँव है। इसी फर्जी दावे पर निष्कर्ष निकालते हुए केतकर ने चर्चा के दौरान कहा, “कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है (श्री राम के अस्तित्व का) और इसीलिए नेपाल के पीएम ने भी दावा किया कि अयोध्या नेपाल में स्थित है।”
संबित पात्रा ने केतकर को अल्लाह के खिलाफ बोलने के लिए ललकारा
वहीं हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने पर भाजपा नेता सांबित पात्रा ने कॉन्ग्रेसी नेता की जमकर आलोचना की। उन्होंने केतकर के विवादित बयान का मुँहतोड़ जवाब देते हुए कहा, “कुछ इसी अंदाज में क्या आप अल्लाह के अस्तित्व को नकारने का साहस कर सकते है। ये कॉन्ग्रेस का आदमी क्या कहना चाहता है? वह पूछ रहा है कि भगवान राम इतिहास या साहित्य की रचना हैं?”
संबित पात्रा ने कॉन्ग्रेस नेता कुमार केतकर को धर्मनिरपेक्षता और फ्री स्पीच का आईना दिखाते हुए कहा, “ये हमें राम के अस्तित्व के सबूत दिखाने को कह रहे है। अगर आपने अल्लाह के बारे में एक भी बात कही होती, तो अब तक आपका सर कट चुका होता। आभारी रहें कि आप एक हिंदू हैं, वरना आपके पास ऐसा कुछ कहने का दुस्साहस नहीं होता।”
कॉन्ग्रेस का हमेशा राम के अस्तित्व को नकारते हुए इसका विरोध करना
गौरतलब है कि 2007 में कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया था, “वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस प्राचीन भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इसमें दर्शाए गए पात्रों और घटनाओं के अस्तित्व को साबित करने के लिए इसे ऐतिहासिक सबूत नहीं माना जा सकता है।”
बता दें कि यह हलफनामा यूपीए सरकार द्वारा सेतुसमुद्रम परियोजना को रद्द करने की माँग को लेकर दायर किया गया था। इसका परियोजना का मकसद राम सेतु को नुकसान पहुँचाना था।
वहीं कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अयोध्या में विवादित स्थल पर एक भव्य राम मंदिर के निर्माण का विरोध करते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए राम जन्मभूमि का मुकदमा लड़ा था।
उन्होंने इस मुकदमे में कई दावपेंच खेले और शीर्ष अदालत से 2019 के चुनावों तक राम जन्मभूमि मामले में निर्णय में देरी करने के लिए कहा। एक अन्य प्रख्यात कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने भी पहले दावा किया था कि कोई भी ‘अच्छा हिंदू’ बाबरी स्थल पर राम मंदिर नहीं चाहेगा। थरूर ने भी कहा था कि दिल में राम मंदिर होना चाहिए।