लखनऊ। लखनऊ में विकास की पत्नी की गिरफ्तारी के बाद उसे पूछताछ के लिए कानपुर लाया गया था। पांच घंटे पूछताछ में विकास की पत्नी रिचा का बिकरू कांड में कोई संलिप्तता नहीं मिली। इसके बाद उसकी पत्नी और बेटे को छोड़ दिया गया। बिकरू कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे की उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद देर शाम पत्नी जिला पंचायत सदस्य ऋचा की भी गिरफ्तारी लखनऊ से हो गई थी।
पूछताछ में खोले कई राज
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि विकास की मदद करने वाले सभी की जांच की जा रही है। इसमें ब्रह्मनगर के कारोबारी परिवार और कई अन्य शामिल हैं। इन सभी के अलावा करीब 15 लोग विकास के निकट संपर्क में थे। ऐसे लोग विकास के बाहुबल का इस्तेमाल करके रातोरात करोड़पति हो गए। इन सभी पर विकास की पत्नी रिचा से पूछताछ हुई है। पर्याप्त साक्ष्य के बाद इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। पूछताछ में विकास और उसकी पत्नी रिचा ने कई अहम जानकारी दी है। उन सभी जानकारियों को भी आधार बनाकर जांच शुरू कर दी गई है। अवैध खनन, सूदखोरी , प्रॉपर्टी का काम करने वाले कई सत्ताधारी और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं। सभी के खिलाफ जांच की जा रही है
रिचा के खिलाफ नहीं मिले सीधे साक्ष्य
पुलिस को ऋचा को जेल भेजना आसान नहीं था, क्यों कि वह मौजूदा समय में घिमऊ से जिला पंचायत सदस्य है। ऋचा के खिलाफ बिकरू कांड या अन्य किसी मामलों में पुलिस के पास कोई साक्ष्य नहीं थे। घंटों मशक्कत के बाद भी उसे छोड़ दिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि दहशत के चलते वह बेटे के साथ घर से निकल गई थी।
पांच घंटे तक पूछताछ :
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि महिला थाने में रिचा से एसटीएफ और पुलिस ने रात 11 से 4 बजे तक पांच घंटा पूछताछ की थी। जांच में उसके खिलाफ बिकरू कांड से संबंधित कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हैं। वारदात के दौरान वह लखनऊ में थी। इसके चलते रिचा और उसके नाबालिग बेटे को सुबह एक रिश्तेदार के हवाले कर दिया गया। उसके खिलाफ अन्य मामलों की जांच की जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ रिचा से पूछताछ में विकास के कारोबारी कई पार्टनरों के नाम से लेकर राजनीति कनेक्शन की जानकारी हुई है। विकास की किन-किन नेताओं से नजदीकी थी और उनके संरक्षण में वह अवैध काम कर रहा था। बयान के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।