लखनऊ। कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद मंगलवार को भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद एसएसपी ने थाने में तैनात सभी दरोगा, हेडकांस्टेबल और सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ ही लाइन में तैनात पुलिस कर्मचारियों को चौबेपुर थाने में तैनाती कर दी है। सभी को रात में ही आमद कराने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले यहां के एसओ विनय तिवारी को निलंबित किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि यहां के ज्यादातर पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर विकास या उसके संपर्क वालों के नंबर मिले थे, जिसके बाद कार्रवाई तय मानी जा रही थी।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश में छापा मारने गए बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्र और शिवराजपुर एसओ महेश यादव समेत 8 पुलिसवालों को विकास और उसके गुर्गों ने मौत के घाट उतार दिया था। इस दौरान विनय पर गांव की बिजली कटवाने और मुठभेड़ के दौरान पीछे रहने की बात सामने आई। दरोगा कुंवर पाल सिंह, केके शर्मा और सिपाही राजीव को भी डरने और लापरवाही बरतने पर सस्पेंड किया जा चुका है। दोनों दरोगा और सिपाही बिकरू गांव के बीट इंचार्ज रह चुके हैं। इन सभी पर विकास की मदद का आरोप है। अपने बयान में केके शर्मा ने स्वीकार किया था कि विकास ने एक दिन पहले ही फोन पर धमकी दी थी कि उनके यहां कोई आया तो जिंदा बचकर नहीं जाएगा। यह जानकारी उन्होंने विनय तिवारी को दी लेकिन कोई सतर्कता नहीं बरती गई। उच्चाधिकारियों को सूचना नहीं दी गई। जांच में यह भी पता चला कि छापेमारी की सूचना शाम को 8 बजे ही विकास दुबे को चौबेपुर थाने से किसी भेदिए ने दी, उसने मौका पाकर हथियारबंद लोगों को अपने घर में जमा किया और पुलिस पर हमला बोल दिया।
मंगलवार देर शाम एसएसपी दिनेश कुमार पी ने चौबेपुर थाने पर तैनात थाने में 13 दरोगा, 45 सिपाही, 10 हेडकांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर करने का निर्देश दिया। वायरलेस सेट से मैसेज भी पास करा दिया गया कि सभी रात में ही लाइन में आमद कराएं। इधर, लाइन से दरोगा, सिपाहियों की तैनाती भी कर दी गई। इनको भी थाने पर योगदान आख्या दर्ज कराने का आदेश है।
आईजी की जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई
आईजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह ने मंगलवार को ही बिल्हौर सीओ दफ्तर का निरीक्षण किया जिसके बाद से कार्रवाई की सुगबुगाहट बढ़ गई थी। उधर, डीआईजी अनंत देव का मुरादाबाद पीएसी सेक्शन में ट्रांसफर होने के बाद देर रात पूरे थाने पर गाज गिरा दी गई।