उसके दो घंटे बाद पुलिस पहुंची. हरियाणा पुलिस की क्राइम ब्रांच गई थी. पुलिस को कुछ नहीं मिला. पुलिस होटल के सीसीटीवी का डीवीआर अपने साथ लेकर गई है. विकास दुबे या उसके किसी साथी को पुलिस अपने साथ नहीं ले गई है. यूपी पुलिस इस मामले में हरियाणा पुलिस के संपर्क में है और हरियाणा में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है. इसके साथ ही यूपी एसटीएफ टीम की निगाहें मध्य प्रदेश और राजस्थान पर भी टिकी हैं.
चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
कानपुर के बिकरु गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद सवालों के घेरे में आए चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को मंगलवार रात लाइन हाजिर कर दिया गया. इसके अलावा आरोपों से घिरे पुलिस उपमहानिरीक्षक को भी स्थानांतरित कर दिया गया है.
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि चौबेपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल समेत 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि बिकरू कांड के बाद उनकी कर्तव्यनिष्ठा संदेह के घेरे में आ गई थी.
उन्होंने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के निरीक्षक विनय तिवारी तथा अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे. शुरुआती जांच में यह पाया गया कि थाने में तैनात कई पुलिस उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की हिमायत कर रहे थे.
प्रवक्ता ने बताया कि थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है और उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
IPS अनंत देव का ट्रांसफर
इससे पूर्व, राज्य सरकार ने दुबे से संबंधों के आरोपों का सामना कर रहे पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव को मंगलवार रात स्थानांतरित कर दिया.
राज्य सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक देव को पीएसी मुरादाबाद में स्थानांतरित कर दिया गया है. वह उस वक्त कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक थे, जब बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने उन्हें चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी संबंध का आरोप लगाते हुए एक कथित पत्र लिखा था.
हालांकि पुलिस ने कहा था कि इस पत्र का कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है.
अनंत देव ने कहा था कि बिकरू कांड में मारे गए बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा द्वारा कथित 14 मार्च को लिखे गए पत्र में किए गए हस्ताक्षर मिश्रा के दस्तखत से मेल नहीं खाते. साथ ही उसमें ना कोई तारीख है और ना ही कोई सीरियल नंबर.
गौरतलब है कि दो-तीन जुलाई की रात को गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बिकरू गांव में दुबे के गुर्गों ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे.