नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर चल रहा विवाद क्या अब खत्म होने वाला है? ये सवाल इसलिए क्योंकि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में तैनात चीनी सेना अब एक से दो किलोमीटर पीछे हट गई है. वहां पर लगाए गए टेंट भी हटाए जा रहे हैं. जिन प्वाइंट्स PP-14, PP-15, हॉट स्प्रिंग्स और फिंगर एरिया में संघर्ष की स्थिति बन रही थी, वहां से भी चीनी सेना की तैनाती खत्म की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से दो घंटे बात की थी. इस दौरान उन्होंने सीमा पर तनाव खत्म करने को कहा था. विदेश मंत्रालय ने इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को टेलीफोन पर बात की जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से सैनिकों के जल्द से जल्द पीछे हटने पर सहमत हुए.
बता दें कि डोभाल और वांग दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता से संबंधित विशेष प्रतिनिधि हैं. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इस बातचीत को ‘खुली और विचारों का व्यापक आदान-प्रदान’ बताया और कहा कि डोभाल और वांग इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को एलएसी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को ‘तेजी से’ पूरा करना चाहिए.
जाहिर है 15 जून की झड़प के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल लगातार सेना की मदद से हालात पर नजर बनाए हुए हैं, जिसके बाद अब हालात ठीक होते नजर आ रहे हैं.
इसलिए चीन, LAC पर चल रहे तनाव को खत्म करने के लिए तैयार हो गया है और इसे सुनिश्चित करने के लिए सीमा से अपने सैनिकों को हटा रहा है. इस संबंध में दोनों देशों के बीच LAC पर सेना की तैनाती को यथाशीघ्र हटाने पर सहमति बनी है.
दोनों देश अलग-अलग फेज में सिलसिलेवार तरीके से सीमा पर सैनिकों की तैनाती कम करना सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि एक बार फिर से पहले वाली स्थिति बहाल की जाएगी. अकेले ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे फिर से स्थिति बिगड़े.
इस संबंध में जो भी निर्णय होंगे वो बातचीत से और साथ मिलकर उठाए जाएंगे, जिससे दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति बनी रहे.
लद्दाख में फेसऑफ की शुरुआत 60 दिन पहले
भारतीय और चीनी गश्ती टीमों के बीच लद्दाख में फेसऑफ की शुरुआत 5-6 मई यानी 60 दिन पहले पैंगौंग त्सो के उत्तरी तट पर हुई हिंसक झड़प के साथ हुई थी. तीन दिन बाद, सिक्किम के नकु ला में एक और ऐसी ही झड़प दोनों सेना के बीच हुई. इस झड़प में चार भारतीय और सात चीनी सैनिक कथित रूप से घायल हो गए .
जिसके बाद 15 जून की रात को गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे.
9 जून को लद्दाख में गतिरोध खत्म करने के लिए दोनों देशों की बीच सहमति बनी. भारतीय सेना ने कहा था कि चीन ने अपने सैनिकों को तीन फेसऑफ साइटों – पैंगौंग त्सो, गलवानी घाटी और हॉट स्प्रिंग्स से वापस लेना शुरू कर दिया है. सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने घोषणा की थी कि चरणबद्ध तरीके से सैनिक पीछे हटाए जाएंगे.
इसके बाद चीनी पक्ष ने अपने फैसले में बदलाव करते हुए सैनिकों की वापसी को रोक दिया. भारतीय सेना ने कुछ चीनी संरचनाओं को गलवान घाटी में बनते देखा. कर्नल बी संतोष बाबू के नेतृत्व में जवानों की टीम इसी मुद्दे पर बात करने वहां पहुंची जिसके बाद वहां मौजूद चीनी सैनिकों ने भारतीय दल पर हमला कर दिया.
इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए जबकि चीन के भी 30 से ज्यादा सैनिक मारे गए. हालांकि चीन ने आधिकारिक तौर पर ये स्वीकार नहीं किया.