लद्दाख सीमा पर तनाव के बीच चीन के हैकर्स ने भारत पर धुआंधार ऑनलाइन बमबारी भी की थी। एक से 10 जून के बीच 10 करोड़ भारतीयों को ईमेल और 24 करोड़ लोगों के मोबाइल पर थ्रेट मैसेज भेजे गए। हैकर्स का इरादा इन फर्जी संदेशों के जरिये कंप्यूटर और मोबाइलों में सुरक्षित डेटा को क्षति पहुंचाने तथा नेट बैंकिंग में सेंधमारी का रहा। इस तरह के हमले अब भी जारी हैं। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार भारतीयों के ईमेल व मोबाइल नंबर हैकर्स ने चीन के विभिन्न एप के माध्यम से जुटाए हैं। मध्य प्रदेश पुलिस को साइबर ठगी की जांच में सहयोग करने वाले साइबर विशेषज्ञ व इथिकल हैकर मानस शुक्ला कहते हैं कि बड़ी संख्या में मैसेज कोविड-19 से जुड़े भेजे गए। इनकी लिंक पर क्लिक करते ही तमाम लोगों का कंप्यूटर रिकॉर्ड गायब हो गया। झांसा देने के लिए इनाम जीतने और लॉटरी निकलने के मैसेज व ईमेल भी भेजे गए।
गूगल ने साइबर अटैक की जानकारी 10 जून को जारी रिपोर्ट में दी थी। इसमें चीन का नाम लिए बिना बताया कि विदेशी थ्रेट मैसेज भारत में भेजे गए। गूगल की रिपोर्ट आने के बाद 19 जून 2020 को इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी यानी सीईआरटी ने कोविड-19 से जुड़े हमले के बारे में अपनी वेबसाइट पर अलर्ट जारी किया। इसके बाद 22 जून को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी अलर्ट घोषित किया। इसमें साफतौर पर कहा गया कि ऑनलाइन तरीके से मोबाइल या ईमेल पर हैकरों के हमले बढ़ गए हैं। इन दिनों में आम जनता के मोबाइल और ईमेल पर 20 लाख मैसेज सिर्फ कोरोना की मुफ्त जांच संबंधी आए। यह मैसेज दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद जैसे शहरों में भेजे गए।
इन बातों का ध्यान रखें
-मंत्रालय ने इस तरह के साइबर हमले से बचाव के लिए कुछ टिप्स जारी किए हैं। यदि आपके मोबाइल या कंप्यूटर पर किसी अपरिचित का मैसेज मिले तो उसे न खोलें या लिंक पर न जाएं।
-किसी परिचित के इस तरह के मैसेज आने पर पहले उनसे फोन पर बात कर तस्दीक करें।
-स्पेम फिल्टर्स को अपडेट करते रहें और फर्जी नजर आने वाले ईमेल या टेक्स्ट मैसेज को तत्काल ब्लॉक करें।
एक्सपर्ट बोले- सावधान रहने की जरूरत
दिल्ली की इथिकल हैकर एवं सायबर विशेषज्ञ मानस शुक्ला के मुताबिक, कोरोना संक्रमण काल में मोबाइल और ईमेल पर ऑनलाइन बॉम्बिंग ज्यादा हुई। मंत्रालय ने भी इस बारे में अलर्ट जारी कर दिया था। एक जुलाई से हजारों की संख्या में मोबाइल धारकों के पास रोजाना फर्जी मैसेज आने लगे हैं, जिससे लोगों को बचना होगा। तमाम लोग कंप्यूटर में सुरक्षित डेटा भी गंवा चुके हैं।